कुल्लू अस्पताल में स्क्रब टायफस के 5 मरीज, एक मरीज आईजीएमसी शिमला रेफर

ख़बरें अभी तक। प्रदेश के अन्य जिलों के बाद अब कुल्लू में भी स्क्रब टायफस ने दस्तक दे दी है. बरसात के मौसम में क्षत्रिय अस्पताल कुल्लू में स्क्रब टायफस के मामले सामने आने लगे हैं. कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में 5 मरीज स्क्रब टायफस से ग्रसित पाए गए हैं. इनमें से एक मरीज को आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है. स्क्रब टायफस के पॉजिटिव केसों में तीन महिला और दो पुरुष हैं. गौर रहे कि आम तौर पर बरसात के मौसम में तेज़ बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ जाती है.

स्क्रब टायफस फैलाने वाला यीशु शरीर के खुले भागों को काटता है. इसलिए घरों के आसपास हुआ खेतों में खरपतवार इत्यादि ना उगने दे व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें स्क्रब टायफस के मामले आने के बाद अस्पताल प्रबंधन भी सतर्क हो गया है. स्क्रब टायफस को लेकर दैनिक स्तर पर रिपोर्ट ली जा रही है. जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भी इसको लेकर सतर्क रहने को कहा गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं.

मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील चंद्र ने भी आम जनता को आगाह किया है कि बरसात के मौसम में तेज बुखार के रोगियों की संख्या अधिक हो जाती है. यह बुखार स्क्रब टायफस भी हो सकता है. यह रोग संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है, जो खेतों झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहे  में पनपता है. यह जीवाणु चमड़ी  के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और स्क्रब टायफस बुखार पैदा करता है. खेतों में जब काम करने जाएं तो पूरी बाजू के कपड़े हाथों में दस्ताने और पैरों को पूरा ढकने वाले जूते पहन कर जाएं सीएमओ डॉक्टर सुशील चंद्र ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में स्क्रब टायफस की दवाइयां मुफत में उपलब्ध है. इस बुखार को लोग जोड़ तोड़ बुखार भी कहते हैं. यह रोग एक  आदमी से दूसरे को नहीं फैलता है. स्क्रब टायफस का उपचार बहुत आसान है. लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं बुखार कैसा भी हो नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें.

क्या है लक्षण

तेज बुखार 104 से 105 डिग्री तक होता है. जोड़ों में दर्द और कंपनी के साथ बुखार शरीर में अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना. गर्दन बाजू के नीचे कूल्हों के ऊपर गिल्टी होना

ऐसे किया जाए बचाव

शरीर की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए. घर तथा आसपास के वातावरण को साफ रखें. घर के चारों ओर घास खरपतवार उगने ना दे. घर के आस-पास अंदर कीटनाशक दवा की स्प्रे करें.