हरियाणा के इस जगह में बस में पढ़ते है बच्चे, गरीब बच्चों के लिए खुला है बस स्कूल

ख़बरें अभी तक। आज हम आपको एक ऐसे शिक्षा के मंदिर का दर्शन करवाएंगे जो पुरानी बस के सहारे चल रहा है इस मंदिर में घंटी नहीं बजती लेकिन बच्चे ठीक समय पर स्कूल पहुंच जाते है और वो भी छोटे बच्चे ही नहीं बल्कि इस शिक्षा के मंदिर में पहली क्लास से लेकर आठवीं तक के छात्र और छात्राए पढ़ाई करते है। यहां घंटी नहीं है लेकिन फिर भी बच्चे सुबह 8 बजे स्कूल पहुंच जाते है और 12 बजे तक दिल लगाकर पढ़ाई करते है। हालाकिं गर्मी का मौसम होने के कारण इस बस में कूलर पंखा भी है ताकि किसी बच्चो को गर्मी न लगे।

यह साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर 15 स्तिथ मोबाईल स्कूल है। जहां बच्चों को बस में पढ़ाया जाता है। इस स्कूल के संस्थापक ने उन बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है जो बच्चे गरीब होते है सड़कों पर घूमते है। जिनके  मां बाप के पास पैसे नहीं होते कि वो अपने जिगर के टुकड़े को अच्छे स्कूल में पढ़ा सके। ऐसे में इस स्कूल के संस्थापक ने दो साल पहले गुरुग्राम् में रहने वाले गरीब बच्चों के परिजनों से मुलाकात की।

बच्चो के परिजनों ने अपने गरीबी की दास्तान जब संस्थापक को सुनाई तो उन्होंने ऐसे बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाते हुए अपने दोस्त और कुछ समाज सेवियों की मदद लेकर एक स्कूल की पुरानी बस खरीदकर उसकी सीटें हटाकर टेबल कुर्सी लगाई और निशुल्क स्कूल बना दिया जिसमें पहली क्लास से लेकर आठवीं तक के बच्चे पढ़ने लगे। संस्थापक संदीप राजपूत ने स्कूल तो शुरु कर दिया लेकिन भीषण गर्मी के कारण बच्चे परेशान होने लगे टीचर भी परेशान थे। लेकिन आसपास के लोगों ने बस में लाइट कूलर पंखा लगा दिया।

जिससे आज इस स्कूल में 5 दर्जन से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे है बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों की रिटायर्ड टीचर है जो निशुल्क पढ़ाते है स्कूल में आने वाले बच्चो की माने तो जो समय वे खेलकूद में निकालते थे वो समय आज पढ़ाई में लगा रहे है। स्कूल के बाद बच्चों को होमवर्क दिया जाता है ताकि बच्चे ज्यादा समय पढ़ाई में लगा सके वहीं बच्चों के परिजनों ने भी इस स्कूल को काफी सराहा है।

वहीं सरकार शिक्षा और रोजगार का दावा करती है लेकिन जमीनी हकीकत तो यह है कि साइबर सिटी में आज भी कई ऐसे गरीब परिवार है जिनके बच्चे शिक्षा से कोसो दूर है लेकिन आज भी कुछ ऐसे समाज सेवी है जो ऐसे मासूमो के लिए कुछ करने की चाहत रखते है।