विभिन्न जिलों से आई व्यवसायी महिलाओं ने सुनाई अपने संघर्ष की कहानी

ख़बरें अभी तक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान का असर बेटियों के आत्मनिर्भर होने के रूप में दिखने लगा हैं। आज भिवानी के पंचायत भवन में व्यवसाय सखी सम्मान समारोह में 42 ऐसी बेटियों व बहनों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने स्वरोजगार की राह पकड़कर परिवार की रूढ़ीवादी विचारधारा के बीच अपने को आत्मनिर्भर बनाया।

भिवानी में आयोजित राज्य व्यवसाय सखी सम्मान समारोह में रेवाड़ी से पहुंची सोनिया, महेंद्रगढ़ से पहुंची सुरेश व निक्की ने अपनी आप बीती बताते हुए कहा कि उन्हे सामाजिक ताने-बाने के बीच अपना खुद का काम शुरू करने में दिक्कतें आ रही थी। परन्तु बदलते समय के अनुसार अपने को बदलकर उन्होंने युवाना पीपल टू इंडिया संस्था के आजीविका मिशन से जुड़कर ट्रेनिंग लेने के बाद अपना खुद का रोजगार शुरू किया। इसी की बदौलत आज उन्हे यहां सम्मानित किया जा रहा हैं।

इस मौके पर आजीविका मिशन योजना के प्रबंधक जसवंत ने बताया कि युवाना पीपल इंडिया संस्था द्वारा हरियाणा प्रदेश के सात जिलों में ग्रामीण महिलाओं को उधमिता व स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे जुडक़र अब तक हरियाणा प्रदेश की तीन हजार महिलाएं मार्केटिंग, बिजनेस प्लॉन, बजट प्रबंधन, खुद की क्षमता पहचानने की तीन दिन की ट्रेनिंग पाकर स्वरोजगार अपना चुकी हैं।

तथा अगले दो साल में 8 से 10 हजार महिलाओं को आजीविका मिशन से जोड़ा जाएंगा, जिसमें सरकार व सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का भी काफी सहयोग मिल रहा हैं। गौरतलब है कि सरकार अब सार्वजनिक क्षेत्र की उन सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से भी आजीविका मिशन का काम ले रही है, जिसमें स्वेच्छिक रूप से प्रबुद्धि लोग ट्रेनिंग व अन्य स्किल सिखाने के लिए आगे आ रहे हैं।