हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव की अनूठी मुहिम

खबरें अभी तक। इंसान कोई भी हो, किसी भी पद पर हो, कितने ही पैसे वाला हो, पर उसके जीवन में सबसे बङी अहमीयत उसे मिले सम्मान व यादगार पल रखते हैं। ये सम्मान व यादगार पल उस समय और अहम हो जाते हैं जब ये दूसरों को प्रेरणा दें। इसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बैंकों के के.वाई.सी की तर्ज पर के.वाई.बी मुहिम शुरु की है। इस मुहिम के तहत मार्च-2019 की वार्षिक परीक्षा के सभी संकायो में जिला भर में टॉप रहे 10-10 बच्चों को सम्मानित कर उनसे बोर्ड परिसर में एक-एक पौधा लगवाया गया। इसके बाद बोर्ड की कार्यशैली को समझाने के लिए इन सभी बच्चों को बोर्ड चेयरमैन व सचिव कार्यालय के साथ अन्य कई कार्यालायों का भ्रमण करवाया गया और वहां होने वाले कामकाज की जानकारी दी गई।

इस अवसर पर इस अनुठी मुहिम रूपी कॉंसेप्ट की शुरुआत करने वाले बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि जिस प्रकार बैंक के.वाई.सी यानि नॉ यॉर कस्टमर (अपने ग्राहक को जाने) की तर्ज पर हमने के.वाई.बी यानि नॉ यॉर बोर्ड (अपने बोर्ड को जाने) की मुहिम शुरु की है। उन्होंने कहा कि इस मुहिम के तहत जिला भर को टॉप-10 बच्चों को प्रेरणा के रूप में सम्मानित करने, शिक्षा बोर्ड की कार्यशैली से अवगत करवाने तथा यादगार के रूप में यहां पर उनके द्वारा पौधारोपण करवाया गया है। सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि इस मुहिम को धीरे-धीरे हर जिला में लागू किया जाएगा। ताकि दूसरे बच्चे भी टॉप-10 में आने व पर्यावरण के प्रति सजग रहें।

वहीं इस दौरान बोर्ड चेयरमैन डा. जगबीर सिंह बताया कि ये बच्चे कल को किसी भी पद पर हों, पर उनके जीवन में यादगार पल बनाने के लिए आज उन्हे सम्मानित कर पौधारोपण करवाया गया है। उन्होने कहा कि जिस प्रकार सुर्य का धर्म रोशनी देना और चांद का धर्म शीतलता देना है उसी प्रकार पेङ-पौधों का धर्म पर्यावरण संरक्षण का है। उन्होंने बताया कि जब बच्चे पर्यावरण के संरक्षण बनेंगे तो एक दिन हम ऑजोन परत में हुए छेद को भी मिटा पाएंगें।

शिक्षा बोर्ड सचिव की इस मुहिम की शुरुआत में सम्मानित होने वाले बच्चों ने सम्मानित होने तथा उनके द्वारा बोर्ड परिसर में पौधे लगवाने पर खुशी जताते हुए गर्व महसूस किया। इन सभी बच्चों ने बोर्ड सचिव की इस मुहिम की सरहाना की और कहा कि सचिव ने उन्हे कामयाबी के थ्री बी या कठिन परीश्रम करने, खुद पर भरोसा करने तथा बुरी संगत से दूर रहने की जो मंत्र दिया है उसका पालन करेंगें।

निश्चित तौर पर शिक्षा बोर्ड सचिव की ये मुहिम प्रदेश के लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा है जो 10वीं या 12वीं कक्षाओं में पढ रहे हैं या फिर आगे चलकर इन परीक्षाओं में आने वाले हैं। क्योंकि ये सम्मान व यादगार पल उन्हे आगे बढने, टॉप करने तथा पर्यवारण के परहरी बनने के लिए प्रेरित करेंगें।