वैवाहिक संबंधों में सुधार की गुंजाइश न होना नहीं होगा तलाक का एकमात्र आधार

ख़बरें अभी तक।  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि वैवाहिक संबंधों में सुधार की गुंजाइश न होना मात्र तलाक का आधार नहीं हो सकता है।

विशेषकर ऐसी स्थिति में जब दोनों पक्षों में से एक पक्ष द्वारा ऐसा कहा जा रहा हो। कोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 में इस आधार को शामिल नहीं किया है।

अदालतें ऐसी स्थिति में स्वयं परिस्थितियों के आधार पर फैसला देती है। मगर सुप्रीमकोर्ट ने ऐसे मामलों में कहा है कि ऐसे आदेश नजीर नहीं हो सकते हैं।