गाज़ियाबाद में झारखंड बिहार से नाबालिक बच्चों को लाकर करवाई जा रही बाल मजदूरी

ख़बरें अभी तक। जहां एक और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि बच्चों को बेहतर पढ़ाया और बढ़ाया जाए। वहीं दूसरी ओर यह भी कहते हैं कि बच्चों के साथ बाल मजदूरी ना कराई जाए बावजूद उसके तमाम ऐसे लोग समाज में है जो कि इन छोटे मासूम बच्चों के साथ ना सिर्फ दुर्व्यवहार करते हैं। बल्कि इनसे बाल मजदूरी भी करवाते हैं। हालिया मामला गाजियाबाद के लोनी इलाके का है जहां थाना ट्रोनिका सिटी क्षेत्र में एक घर में झारखंड और बिहार के नाबालिक मासूमों से बाल मजदूरी करवाई जा रही थी पुलिस ने मौके से 5 बाल मजदूरों को बरामद किया है, हालांकि आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।

थाने के भीतर बैठे ये पांचों मासूम जिस उम्र में स्कूल में पढ़ने के लिए जाने चाहिए थे इन्हें अच्छी तालीम मिलनी चाहिए थी उस उम्र में इन पांचों मासूम से बाल मजदूरी करवाई जा रही थी। इन पांचों मासूमों को ट्रॉनिका सिटी पुलिस ने इलाके में ही चल रही एक चूड़ी बनाने की फैक्ट्री से बरामद किया है। आपको बता दें तनवीर नामक युवक जोकि बिहार का ही रहने वाला है। 8 मासूमों को बिहार और झारखंड से बाल मजदूरी कराने के लिए गाजियाबाद लेकर आया था। इन मासूमों की उम्र 7 साल से लेकर  15 साल तक है चंद पैसों का लालच देकर तनवीर नामक युवक इन मासूमों को उनके घर से यहां लेकर आया और इनसे बाल मजदूरी करवा रहा था। आपको बता दें तनवीर का थाना ट्रॉनिका सिटी में बनी एक कॉलोनी में चूड़ी बनाने का एक छोटा सा कारखाना है उस कारखाने में इन बच्चों से बाल मजदूरी कराई जाती थी और चूड़ी के ऊपर नग लगवाए जाते थे।

हालांकि मौजूदा पार्षद एवं पुलिस की सतर्कता के चलते इन पांच मासूमों को उस जगह से सकुशल बरामद कर लिया गया मगर आरोपी तंगी अभी भी तीन बच्चों के साथ मौके से फरार है जिसके लिए पुलिस ने कई टीमें भी गठित कर दी हैं। आपको बता दें लोनी हुए इलाका है जहां इस तरह की छोटी-छोटी कारखाने अवैध रूप से चल रहे हैं जहां ना जाने कितने मासूम बाल मजदूरी करते हुए। आपको नजर आ जाएंगे हालांकि पुलिस के मुताबिक जल्द ही फरार आरोपी तनवीर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और अब तक इस तरह कितने बच्चों को झारखंड और बिहार से लेकर आया है। उनकी तफ्तीश लगातार जारी है।

हालांकि आम जनता की सतर्कता एवं पुलिस की समय रहते कार्रवाई के चलते पांच मासूमों को बाल मजदूरी के चंगुल से छुड़ा लिया गया है। लेकिन ना जाने ऐसे कितने कारखाने और फैक्ट्रियां लोनी इलाके में चल रही हैं। जिनमें इस तरह की बाल मजदूरी मासूमों के द्वारा कराई जा रही है जरूरत है इस ओर विशेष ध्यान देने की और शासन और प्रशासन को कुछ और ठोस कदम उठाने की है।