गुरुग्राम: मिलेनियम सिटी में लगातार घट रहा लिंगानुपात, जिला स्वस्थ विभाग के आकड़ों में लगातार पिछड़ रहा गुरुग्राम

ख़बरें अभी तक। गुरुग्राम में हाल ही में जारी हुए लिंगानुपात के आकड़ो ने बेटी बचाओ अभियान की पोल खोल कर रख दी है. जिला स्वस्थ विभाग के आकड़ो की माने तो अगस्त 2018 से अगस्त 2019 तक के लिंगानुपात में 1 हज़ार लड़को पर पैदा हुई लड़कियों का आकड़ा सिर्फ 857 तक जा सिमटा. यानी बीते एक साल में बेटी बचाओ अभियान की जमीनी हकीकत बया होती जरूर देखी जा सकती है.

दरअसल 2014 में सत्तासीन हुई भाजपा सरकार ने देश भर में कम होते लिंगानुपात पर गंभीरता दिखाते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का बेहतरीन नारा दिया और इस मामले में बड़े तौर पर जागरूकता अभियान छेड़ इस नारे को किसी हद तक सार्थक करने में जोर भी दिया. शुरुआत में इसको लेकर सैकड़ो गर्भपात केंद्रों को जो कि अवैध तौर पर लिंग जांच का कारोबार कर रहे थे पर छापेमारी कर उन्हें भी कड़ा सबक सिखाने की मुहिम भी चलाई गई. लेकिन वक़्त के साथ साथ यह अभियान भी कमजोर होता चला गया और इसी का नतीजा है कि साइबर सिटी में 1 हज़ार लड़को पर लड़कियों का आंकड़ा 857 तक जा सिमटा.

वहीं इस मामले में जिला के चीफ मेडिकल अधिकारी ने भी इस बात को स्वीकार किया कि बीते कुछ समय से या महीनों ने इस दिशा में यानी ऐसे अल्ट्रासाउंड केंद्र या फिर ऐसे क्लिनिक या अस्पताल जो कि अवैध तौर पर लिंग जांच का काला और असामाजिक काम करते आ रहे है उनके खिलाफ जो अभियान 2016,2017 के समय मे चलाया गया था. उसमें ढिलाई बरती गई जिसके चलते यह आंकड़े सामने आए. लेकिन इस अति गंभीर मामले में जल्द ही टीमों का गठन कर फिर से ऐसे तमाम लोगो को जो कि लिंगानुपात जांचने के बाद ऐसे आपराधिक मामलों से जुड़े है उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.