उफान पर यमुना नदी, किसानों की खेती हुई बर्बाद

ख़बरें अभी तक: शामली के कैराना में यमुना नदी उफान पर पहुंच चुकी है। लगातार पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बरसात के बाद से हथिनी कुंड बैराज पर जमा हो रहे पानी को लगातार यमुना और गंगा नदियों में छोड़ा जा रहा है। इसके चलते शामली जनपद की कैराना यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर बह रही है। हथिनी कुंड बैराज से लगातार यमुना नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते यमुना की लहरें लगातार उफान पर आ रही है। यमुना खादर के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ जैसे हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी ड्रेनेज विभाग और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को लगातार खादर क्षेत्र के गांव में दौरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा यमुना बांधों पर लेखपालों की तैनाती की गई है।

फिलहाल यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर 232.5 मीटर पर है। प्रशासन ने 4 बाढ़ चौकिया व एक रेस्क्यू कैंप लगाया है। यमुना के लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते अब यमुना के पास तीन आंखों वाले खेतों में भी भीषण जलभराव हो गया है। कहीं खेतों में तो करीब 6 फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है। यमुना के क्षेत्रीय किसानों का लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान यमुना के उफान के कारण हो गया है। यहां सैकड़ों की संख्या में किसानों के खेत है।जिनमें गोभी और मिर्च की फसल किसानों ने लगाई थी। लेकिन अचानक से यमुना के बढ़े जलस्तर ने उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया है। जिससे अब किसानों के सामने एक बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में किसानों ने अब उत्तर प्रदेश की सरकार और जिला प्रशासन से फसलों के मुआवजे की गुहार लगाई है।