बजट से पहले एसबीआई ने दिया झटका! पांच साल में पहली बार किया ये काम

खबरें अभी तक। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने पांच साल में पहली बार डिपॉजिट रेट में बढ़ोतरी की है.वह लेंडिंग कारोबार में कॉम्पिटीशन बढ़ाने की तैयारी में जुटा हुआ है.सरकारी पूंजी से बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है. एसबीआई पर बैड लोन का दबाव भी कम हो रहा है. पिछले महीने प्राइवेट सेक्टर के एक्सिस बैंक ने डिपॉजिट रेट में मामूली बढ़ोतरी की थी. इसको इकनॉमिक एक्टिविटीज में तेजी आने के साथ रेट हाइक की संभावना के तौर पर देखा जा रहा है.

एसबीआई ने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा डिपॉजिट और सीनियर सिटीजंस के रेट्स में 50 से 140 बेसिस प्वाइंट्स तक की बढ़ोतरी की है. 100 बेसिस प्वाइंट्स 1 पर्सेंटेज प्वाइंट के बराबर होता है. बैंक ने सबसे ज्यादा रेट हाइक 46 से 210 दिन के डिपॉजिट्स के लिए किया है जो 140 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी के साथ 4.85% से बढ़कर 6.25% हो गया है. बहुत से बैंकों के एसबीआई नक्शेकदम पर चलने की उम्मीद की जा रही है क्योंकि बाजार में कैश की कमी होने लगी है और लोन की डिमांड में तेज उछाल आई है.

रेटिंग कंपनी इकरा के ग्रुप हेड-फाइनेंशियल सेक्टर रेटिंग कार्तिक श्रीनिवासन ने कहा, ‘बल्क डिपॉजिट सेगमेंट में ज्यादा डिपॉजिट जुटाने और डिपॉजिट रेट बढ़ाने की जरूरत नजर आ रही है. पिछले क्वॉर्टर में सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट आउटस्टैंडिंग के वॉल्यूम में तेज उछाल आई और मिनिमम कॉरपोरेट डिपॉजिट रेट में बढ़ोतरी हुई.’ बैंकों की तरफ से शॉर्ट टर्म फंड जुटाने में इस्तेमाल होनेवाले सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स का वॉल्यूम जनवरी में 1.52 लाख करोड़ रुपये हो गया जो सितंबर में 82,412 करोड़ था.इसके साथ ही उनका रेट्स 6.12% से बढ़कर 6.23% हो गया.

 एसबीआई ने कहा है कि वह एक साल के बल्क डिपॉजिट पर तत्काल प्रभाव से 100 बेसिस प्वाइंट्स यानी 1 पर्सेंटेज प्वाइंट ज्यादा 6.25% रेट ऑफर कर रहा है. उसने सात से 46 दिन के डिपॉजिट पर 50 बेसिस प्वाइंट्स ज्यादा यानी 5.25% रेट ऑफर करने का ऐलान किया है जबकि 46 दिन से 2 साल तक के डिपॉजिट पर वह 6.25% देगा. दो से दस साल के डिपॉजिट्स पर एसबीआई 6% रेट ऑफर कर रहा है. रेट बढ़ाने की जरूरत इसलिए पड़ी है कि बैंक लोन बांटने के लिए एक्सेस सरकारी बॉन्ड्स की बिकवाली में जुटे हैं. उनको जितने डिपॉजिट की जरूरत है वह उनके तय रेट पर नहीं मिल रहा है.

5 जनवरी तक इंक्रीमेंटल क्रेडिट 2.02 लाख करोड़ रुपये था जो 1.27 लाख करोड़ रुपये के एडिशनल डिपॉजिट से कहीं ज्यादा है. 29 सितंबर 2017 से 5 जनवरी 2018 के बीच इंक्रीमेंटल क्रेडिट 1.85 लाख रुपये रहा जो 0.30 लाख करोड़ रुपये के डिपॉजिट से बहुत ज्यादा है.लोन की डिमांड और डिपॉजिट एडिशन में ज्यादा फर्क होने के चलते बैंकों ने बॉन्ड पोर्टफोलियो को बेचना शुरू कर दिया था.