ऊना: सरकारी उपेक्षाओं का शिकार हो रही गोबिंद सागर झील, पर्यटन की है अपार संभावनाएं

ख़बरें अभी तक। ऊना के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ती गोबिंद सागर झील का पर्यटन की दृष्टि से विकास करने के लिए सरकारों ने कई वादे और दावे किये लेकिन आज दिन तक इन वादों और दावों को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी मानव निर्मित गोबिंद सागर झील 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है और इसका 120 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बंगाणा से लेकर भाखड़ा बांध तक फैला हुआ है। अगर सरकार इस झील पर अपनी कृपा दृष्टि डाले तो इस क्षेत्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। पर्यटन के लिए तीन चीजों पानी, जंगल और पहाड़ को विशेष माना जाता है और यह तीन चीजें गोबिंद सागर झील और इसके आसपास उपलब्ध है।

वहीं गोबिंद सागर झील के कोलका तट पर बाबा गरीब नाथ का मंदिर भी स्थित है जो जलस्तर बढ़ने पर झील के बीच आ जाता है और इस मंदिर में जाने के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों को नाव में सवार होकर ही जाना पड़ता है। रोजाना सैंकड़ों पर्यटक इस क्षेत्र में प्रकृति के सौंदर्य का दीदार करने के लिए आते है परन्तु इस क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से जरूरी मुलभुत सुविधाओं के आभाव के चलते पर्यटक निराश हो जाते है। हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक इस झील में नाव की सवारी का लुफ्त उठाने के लिए जहाँ  आते हैं लेकिन अगर सरकार इस झील में मीडियम वोट, स्पीड वोट, हाउस बोट और ऑर्डिनरी बोट के अलावा वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को बढ़ावा दे तो पर्यटकों की आवाजाही में जरूर इजाफा होगा।

वहीँ अगर गोबिंद सागर झील के आसपास पहाड़ियों और जंगलों में ट्रेकिंग और साहसिक गतिविधियों को शुरू करे तो यह पर्यटकों के लिए सोने पर सुहागे वाली बात होगी। पर्यटकों की माने तो इस क्षेत्र में प्रकृति का अपार भंडार है लेकिन सरकार को इसे विकसित करना चाहिए जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे वहीँ सरकारी राजस्व में भी इजाफा होगा।

वहीं डीसी ऊना संदीप कुमार ने भी माना कि कुटलैहड़ क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। डीसी ऊना ने बताया कि सरकार द्वारा पर्यटन स्थलों को चिन्हित करने के लिए सोसाइटी बनाई गई है और गोबिंद सागर झील पर पर्यटन गतिविधियां चलाने के लिए बीबीएमबी से एनओसी भी मिल चुकी है। डीसी ऊना ने कहा कि पर्यटन गतिविधियों का आकलन करके सरकार को भेजा गया है।

वहीं कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक और मौजूदा प्रदेश सरकार में पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि वर्तमान सरकार बनते ही पर्यटन को विकसित करने के लिए सोसाइटी का गठन किया है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जहाँ रामगढ़ धार में ट्रैकिंग और साहसिक गतिविधियों के साथ साथ वन सरोवर बनाये जा रहे है। वहीँ गोबिंद सागर झील में सेल्फ हेल्प ग्रुपों के माध्यम से हाउस वोट और स्पीड वोट डालने की भी योजना तैयार की जा रही है।