बारिश का असर, हिमाचल का किसान परेशान

ख़बरें अभी तक: हिमाचल की सबसे बड़ी मंडियों परवाणु और सोलन में सेब ने दस्कत दे दी है। खरीददार भारत के कोने-कोने से सोलन का रुख करने लगे है। शुरूआती दौर में बागबानों को सेब के दाम अच्छे मिल रहे थे, लेकिन अब बागवानों के चेहरे मायूस दिखने लगे है। हालांकि सोलन की सेब मंडी में परवाणु के तुलना में पचास प्रतिशत सेब की पेटियां कम पहुंची है। लेकिन हर साल के मुकाबले इस बार बागवान और आढ़ती भारत वर्ष में हो रही बारिश के कारण जिस तरह से बाढ़ के हालात बने है उस कारण सभी परेशान है। ना ही बागवान को अच्छा दाम मिल रहा है ना ही आढ़ती इस बार कमा पा रहे है।

वहीं बागवान इस बार मायूस दिखाई दे रहे है। बागवानों का कहना है कि जहां इस बार डबल मात्रा में सेब की पैदावार हुई है,जिसके चलते सेब का साइज छोटा आ रहा है। जिस कारण उन्हें पर्याप्त मात्रा में सेब की पेटी का दाम नही मिल पा रहा है। बागवानों का कहना है कि जहां शुरुआती सीज़न में प्रति पेटी 2500 तक मिल रही थी वहीं अब प्रति पेटी दाम 500- 1200 के बीच मिल रहा है।  बागवानों का कहना है कि इस बार जिस तरह से दाम मिल रहा है उससे वो मेहनताना भी अपनी लेबर को दे पा रहे है।

वहीं बागवानों ने बताया कि ईद होने के कारण मोमडन मंडियों का रुख नही कर रहे है, उन्होंने बताया है सबसे ज्यादा मोमडन हमारी सेब की खेप ले जाते है। बता दें कि सोलन फल सब्जी मंडी में किन्नौर ,शिमला ठियोग, रामपुर ,चौपाल से ज्यादा मात्रा में सेब आता है। वहीं विभिन्न प्रदेशों से आये आढ़ती खरीददारों का कहना है कि पूरे हिंदुस्तान में पानी ही पानी है जिस कारण सभी मंडियों में मंदा चला है,जिस कारण समय से सेब की खेप नहीं पहुंच पा रही है,वहीं उनका कहना है कि इस बार हिमाचल में सेब की पैदावार ज्यादा हुई है पिछले 2 सालों के मुकाबले इस बार सेब की खेप आ तो रही है लेकिन सेब का साइज छोटा आ रहा है जिस कारण उन्हें भी आगे बेचने में दिक्कते आ रही है,बता दें कि सोलन मंडियों में इस बार जामनगर, यूपी,उड़ीसा,झारखंड,चंडीगढ़, पंजाब से आढ़ती खरीददार सेब की खेप लेने पहुंच रहे है।