स्वदेशी तकनीक से निर्मित 412 मैगावाट के रामपुर हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट ने रचा इतिहास

ख़बरें अभी तक: हिमाचल प्रदेश के सतलुज घाटी क्षेत्र में झाकड़ी और बायल गाँव के बीच स्थित 412 मैगावाट के  रामपुर हाइड्रो पावर स्टेशन  ने विधुयत उत्पादन के क्षेत्र में कीर्तिमन स्थापित किया है। केंद्र व्  हिमाचल सरकार के संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन कि इस परियोजना को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा 5 वर्ष में  दस हजार  मिलियन यूनिट बिजली तैयार करने का लक्ष्य दिया गया था। जिसे पियोजना द्वारा 4 वर्ष में ही पूर्ण कर लिया गया है। रामपुर हाइड्रो पवार स्टेशन इस लिए भी महत्वपूर्ण है क्यों कि इस में मेक इन इंडिया टेक्नोलॉजी के साथ मशीनरी भी स्वदेशी  है।

हालांकि जेनेरिक टेक्नोलॉजी होने के कारण लक्ष्य के  हिसाब से  विद्युत उत्पादन करना काफी मुश्किल रहता है। लेकिन निगम  प्रबंधन और अभियंताओं के कुशल प्रयास व दृढ़ निश्चय से यह संभव हुआ है। इतना ही नहीं इस परियोजना ने निर्माण के प्रथम  वर्ष में ही केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिए गए विद्युत उत्पादन लक्ष्य को पूरा किया  था।  यह संभवत हाइड्रो सेक्टर की पहली परियोजना है जिसने निर्माण वर्ष में ही डिजाइन एनर्जी के लक्ष्य को पूर्ण किया हो।  ऐसे में एसजेवीएन की रामपुर परियोजना उत्तरी भारत  के राज्यों को बिजली आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।