अब हजारों बागवानों को सभी फलदार पौधों के स्मार्ट प्लांट उनके घर पर ही उपलब्ध हो पायेंगें

ख़बरें अभी तक। बिलासपुर: अन्तराष्ट्रीय स्तर अपनाया जा रहा र्स्माट प्लांट कान्सैप्ट जल्द ही हिमाचल प्रदेश में भी आने वाला है। जिससे प्रदेश के हजारों बागवानों को सभी फलदार पौधों के स्मार्ट प्लांट उनके घर द्धार उपलब्ध हो पायेंगें। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में दधोल कस्बे में चल रही टिशू क्लचर पर आधारित रजत लैबोटरी में इन दिनों विदेशी फलों में बादाम, नाशपाती, पलम, अगूंर, एवाकैडो, सिट्रस व सेब के पौधे तैयार किये जा रहे हैं।

जिनको 2021 में आम जनता के लिये लांच किया जायेगा। इस लैब में अब महाराष्ट और पंजाब जैसे गर्म राज्यों के किसानों के लिये सिट्रस फ्रूटस पर भी कार्य किया जायेगा ताकि इन राज्यों के किसानो को यह पौधे मिल सकें। एक दो वर्षों में इसकी तैयारीयां करने के बाद किसानों को उच्च क्वालिटी के विदेशी सिट्रस फ्रूटस के पौधे भी उपलब्ध हो जायेगें।

हाल ही में आस्ट्रेलिया टूअर से लौटे विनोद सोनी वहां की बागवानी से बेहद प्रभावित हुये हैं। वहां स्मार्ट बागवानी तकनीक को जान कर इसे भारत के हिमालयी रीजन में इसको बढावा देंने का प्रयास करेंगें। विनोद सोनी ने बताया कि वह टिशू कल्चर के माध्यम से वायरस फ्री प्लांटिग मैटिरियल तैयार कर रहे है जिसमें वह अभी तक केवल सेब पर ही काम करते थे लेकिन अब विदेशी फलदार पौधों का रूट स्टाक लैब में तैयार किया जा रहा है। ताकि हिमालयी रीजन में पडने वाले जम्मू कश्मीर, उतरांचल, व अरूणाचल ,हिमाचल प्रदेश के बागवानों को सुविधा मिल सके।

बता दें कि स्मार्ट पलाटं हिमाचल प्रदेश के अंदर एक न्या कान्सैप्ट है जिसमें टिशू कल्चर से तैयार किया गया कोई भी फलदार पौधा पहले एक पौट में लगेगा। और 6 से 8 फुट लंबाई होनें पर उस पौधे को कभी भी कहीं भी लगाया जा सकता है जो कि 100 प्रतिशत सरबाईव करेगा। वायोटैक्नोलाजी विभाग की मदद से टिशू कल्चर पर आधारित हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में दधोल में स्थापित रजत वायोटैक एकमात्र लैबोटरी है जहां पर सेब के लाखों पौधे तैयार करके बागवानों को दिये जा चुके हैं।

इस लैब में अभी तक केवल सेब पर ही कार्य किया जा रहा था लेकिन अब विदेशी फलदार पौधों के उपर जोंरों शोरों से कार्य किया जा रहा है अगर सब सही रहा तो आने वाले समय में हिमाचल ही नहीं अन्य राज्य के बागवानों को भी विदेशी पौधे घर द्धार ही उपलब्ध हो पायेंगें। वहीं, महाराष्ट के मुंबई और पूना से बिलासपुर पंहुची बागवानी विशेषज्ञों की एक टीम ने इस लबौरेटरी के कार्य को देखकर जमकर सराहना की। और महाराष्ट्र में टिशू कल्चर द्धारा तैयार किये गये पौधों को बढावा देने की सहमति जताई।