बरसाती पानी खेतों को ना मिलने के विरोध स्वरूप सैंकड़ों किसानों ने दिया धरना

ख़बरें अभी तक। ऐलनाबाद हलके के गांव जमाल में मंगाला डिस्ट्रीब्युटरी का बरसाती पानी खेतों को ना मिलने के विरोध स्वरूप सैंकड़ों किसानों ने सिंचाई विभाग के सामने धरना दिया। इस दौरान किसानों के साथ महिलाएं भी उपस्थित रही। किसानों का कहना है कि उन्हें बिना किसी वजह के परेशान किया जा रहा है नहर से पानी खेतों में लगाने के लिए जो पाईप लाईनें डाल रखी थी वे अवैध कहकर उखाड़ दी गई। इससे पहले किसान सिरसा के उपायुक्त को भी मिले थे और उपायुक्त ने किसानों की समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया था।

गांव जमाल के लोगों ने गांव के ही पूर्व सरपंच पर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना कि गांव के पूर्व सरपंच राममूर्ति ने विभाग को शिकायत की थी कि ग्रामीण अवैध तरीके से पानी खेतों को लगा रहे हैं जबकि कुताना और जमाल गांव का लगभग 24 हजार एकडं एरिया इस नहर से सिंचित होता है। जिसमे शिकायतकर्ता के भी खेत आते हैं। पूरी नहर पर दर्जनों पाईप लाईनें बिछी हुई हैं।

लेकिन उनके खेतों की ओर जाने वाली केवल तीन ही पाईप लाईनों को अवैध करार दिया है। किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर गांव के पूर्व सरपंच के साथ मिले होने की शिकायत भी उपायुक्त महोदय को की। इस बारे में उपायुक्त सिरसा ने ग्रामीणों को एससी इरीगेशन से मिलने के लिए कहा। वहीं किसानों के साथ आई हुई महिलाओं का कहना है कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी और जो भी आगे की रणनीति होगी गांव की तमाम महिलाएं उनके साथ दिखाई देंगी।

उपायुक्त के आश्वासन जब लोग एससी इरीगेशन से मिले तो उन्होंने दो दिन में उनकी समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दो दिन में उनकी उखाड़ी हुई पाईप लाईनें वापिस नहीं लगाई गई तो वे आज सैंकडों की संख्या में यहा पहुंचे और आने वाले समय में हजारों की संख्या में किसान सिंचाई विभाग के कार्यालय के सामने धरना देकर बैठेंगे।

एससी इरीगेशन ने किसानों को दो दिन में समस्या के समाधान का आश्वासन तो दे दिया लेकिन क्या दो दिनों में किसानों की समस्या का समाधान हो जाएगा यह एक सवाल जरूर खडा हो रहा है। इससे पहले की अगर बात करें तो 24 जुलाई को एक्सईएन एन के भोला बुढीमेडी किसानों के धरने पर पहुंचे थे और उनको भी दो दिन का समय दिया था लेकिन आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है तो ऐसे में यहां इन किसानों की समस्या का समाधान होगा या नहीं यह एक सवाल यहां जरूर खडा होता है।