SYL को लेकर जानिए क्या बोले सीएम मनोहर, विधानसभा में कही ये बात

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी हरियाणा को मिले, इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे की सुनवाई अगामी 3 सितम्बर को होनी है और हरियाणा ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन हरियाणा सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में कर दिया है।

मुख्यमंत्री आज यहां विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन विपक्ष द्वारा उठाए गये विभिन्न मुद्दों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने एसवाइएल पर जो प्रेजीडेंशियल रैफरेंस जो 12 साल से अटका हुआ था, उसकी अगली सुनवाई करवाई और आज यह विषय हल की  ओर बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  जल एक महत्वपूर्ण विषय है। राज्य का जल स्तर हर साल पांच से 15 फुट नीचे जा रहा है तथा 10 सालों में 100 से 150 फुट तक नीचे गया है। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता में भी खराबी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में जल बचाओ अभियान की शुरूआत की है, जिसके अनुसार हरियाणा ने भी जल बचाने की दिशा में धान उत्पादन क्षेत्रों अन्य वैकल्पिक फसलों के उत्पादन के लिए योजना शुरू की है, जिसके तहत 52 से 53 हजार हैक्टेयर भूमि पर किसानों ने वैकल्पिक फसल के उत्पादन के लिए अपना पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा कि यह योजना शुरू में सात खण्डों में चलाई गई थी, जिसे अब बढ़ाकर सात जिलों में कर दिया है।

उन्होंने बताया भूमिगत जल के स्तर में बढ़ोतरी हो, इसके लिए व्यवस्था या प्रणाली पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य को आज पानी की आवश्यता है और इसी दिशा में उनके द्वारा पिछले 40 वर्षों से अटकी हुई लखवार डैम योजना को शुरू करवाने का काम किया गया है। इसके अलावा, रेणुका और किशाऊ डैम पर भी काम होना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि राबी और ऊंच नदियों पर डैम बनाए जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा पानी का इस्तेमाल भारत कर सके।