जींद-हांसी के बीच बनेगी रेल लाइन, हरियाणा सरकार ने दी मंजूरी

हरियाणा के लोगों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाने की मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिबद्घता को पूरा करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम बढ़ाते हुए 923.26 करोड़ रुपये लागत की जींद-हांसी नई रेल लाइन के निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह रेलवे लाइन चार वर्ष की अवधि में बनकर तैयार हो जाएगी।

वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रस्ताव को स्थायी वित्त कमेटी-सी की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) मंत्री राव नरबीर सिंह भी उपस्थित थे।

वित्त मंत्री ने बताया कि जींद-हांसी नई रेल लाइन हरियाणा सरकार और रेलवे मंत्रालय का एक संयुक्त उद्यम होगा और इसका निर्माण हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम द्वारा किया जाएगा।  उन्होंने बताया कि प्रस्तावित रेलवे लाइन दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन पर मौजूदा जींद स्टेशन से शुरू होगी और भिवानी-हिसार रेलवे लाइन पर मौजूदा हांसी स्टेशन पर समाप्त होगी।

जींद से हांसी तक रेलवे लाइन की लंबाई लगभग 50 किलोमीटर होगी। इस लाइन के निर्माण से यात्रियों को जींद एवं हिसार के बीच सीधी और तेज कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाएगी और यात्रा की दूरी भी लगभग 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, इस ग्रामीण बेल्ट पर कृषि उपज और उर्वरकों को तेजी से लाने-ले जाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया कि यह परियोजना इस क्षेत्र के साथ-साथ इसके आस-पास के क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए लाभकारी सिद्घ होगी। इस लाइन पर 8 रेलवे स्टेशन होंगे, जिनमें जींद एवं हांसी के दो मौजूदा स्टेशन और छ: नए स्टेशन अर्थात इटल कलां, राजपुरा, नारनौंद, माढा, गगन खेड़ी और शेखपुरा शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम को प्राथमिकता के आधार पर रेल मंत्रालय के साथ इस मामले को आगे बढ़ाने का निर्देश दिये गए है

ताकि भारत सरकार से तुरंत मंजूरी मिल सके। परियोजना की 923.26 करोड़ रुपये की कुल लागत में हरियाणा सरकार और केन्द्र सरकार की 415.46 करोड़ रुपये की अनुदान राशि, हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम की 253.90 करोड़ रुपये की इक्विटी और नाबार्ड या किसी अन्य वित्तीय संस्थान से लिया जाने वाला 253.90 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है।

उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए 415.46 करोड़ रुपये की अनुदान राशि हरियाणा सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा समान रूप से साझा की जाएगी। हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम की 253.90 करोड़ रुपये की इक्विटी में हरियाणा सरकार 51 प्रतिशत अर्थात 129.489 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी और रेल मंत्रालय शेष 49 प्रतिशत अर्थात 124.411 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी होगी। इसी प्रकार, हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम के लिए 253.90 करोड़ रुपये के उदार ऋण की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा नाबार्ड या अन्य वित्तीय संस्थान से की जाएगी और ऋण एवं ब्याज की अदायगी हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम द्वारा की जाएगी।