ख़बरें अभी तक: रेलवे के द्वारा किसानों की भूमि अधिग्रहण करने के मामले में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओ ने आज प्रशासन को खुली चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर 15 अगस्त तक किसानों की मांग पूरी नहीं की जाती है तो 19 अगस्त को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता प्रशासन से आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो चुके है। उनका कहना है की आठ जुलाई को प्रशासन ने मामले के निपटारे के लिए 15 अगस्त तक का समय मांगा था जिस पर भारतीय किसान यूनियन तैयार हो गई थी लेकिन अभी तक कुछ होता नजर नहीं आ रहा है इसीलिए अगर 15 अगस्त तक मांगे नहीं मानी जाती तो 19 अगस्त को भारतीय किसान यूनियन बड़ा आंदोलन करेगी। किसी भी कीमत पर किसानों की भूमि पर कब्ज़ा नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए चाहे कुछ भी कुर्बानी देनी पड़े तो हम देने के लिए तैयार है।
दरअसल, रहीमपुर, भिश्तीपुर के साथ कई गावँ के किसानों की कृषि भूमि को रेलवे विभाग ने लगभग सात-आठ वर्ष पूर्व देवबंद-रूड़की रेलमार्ग के लिए अधिग्रहित की थी पर आज तक भी जो समझौता रेलवे ने इन किसानों के साथ किया था। उस पर अमल नही हो पाया है जिसके मुताबिक प्रभावित किसान के परिवार के एक सदस्य को रेलवे में योग्यतानुसार नौकरी और मुआवजा शामिल था। लेकिन आज तक भी न तो मुआवज़ा पूरा मिल पाया न नौकरी अपनी ऐसी ही मांगो को लेकर पीड़ित किसान काफी समय से धरना प्रदर्शन भी करते आ रहे है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है ।