वायु सेना ने भुगतान ना करने पर उत्तराखंड शासन को भेजा पत्र

ख़बरें अभी तक। साल 2013 में उत्तराखंड में आयी आपदा के दौरान केदारनाथ, बद्रीनाथ और हेमकुण्ड साहिब में फसे यात्रियों को निकालने में भारतीय वायु सेना का बड़ा योगदान रहा है। और उस दौरान उत्तराखंड सरकार और वायु सेना का एक समझौता हुआ था। उसके तहत आपदा राहत और बचाव कार्य के एवज में उत्तराखंड सरकार को करीब 20 करोड़ रुपये का भुकतान किया जाना है। हालांकि साल 2013 में आयी आपदा को 6 साल बीत गए है, लेकिन अभी तक राज्य सरकार, वायु सेना को भुगतान नहीं कर पाई, जिसके चलते वायु सेना ने उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर अपना हिसाब मांगा है।

वायु सेना के हिसाब मांगने के बाद ही शासन स्तर पर हलचल तेज हो गयी है। इसके साथ ही चमोली जिला प्रशासन को बीते 6 सालों के दौरान इस्तेमाल किये गए वायु सेना के हेलीकॉप्टर और अन्य व्यय की रिपोर्ट मांगी है। आपको बाद दें कि आपदा और आपदा के बाद से कई मर्तबा वायु सेना ने उत्तराखंड में राहत, बचाव कार्य किये है। जिसका लगभग 20 करोड़ रुपये राज्य सरकार को भुगतान करना है। जिसको लेकर शासन-प्रशासन में कामकाज की रफ्तार तेज होने लगी है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि आपदा के समय राहत बचाव कार्य के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का प्रयोग किया गया था।

और उस दौरान एक एमओयू किया गया था जिसके तहत ही आपदा के दौरान वायु सेना ने ये सेवाएं दी थी। जिसको लेकर वायु सेना ने भुगतान मंगा है। हालांकि इससे पहले भी भुगतान को लेकर शासन स्तर पर हुई बैठक में निर्णय हो चुका है। करीब 17 करोड़ का भुकतान आपदा विभाग द्वारा किया जाएगा और करीब 3 करोड़ का भुकतान सिविल एविएशन कॉरपोरेशन, उकाडा के माध्यम से किया जाएगा। जिसको देखते हुए बजट की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही कहा कि जल्द ही संतोषजनक हल निकल जायेगा।