इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अलीगढ़ ने किया राष्ट्रव्यापी संपूर्ण चिकित्सा कार्य का बहिष्कार सरकारी बिल का विरोध

ख़बरें अभी तक। अलीगढ़ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने किया राष्ट्रव्यापी संपूर्ण चिकित्सा कार्य का बहिष्कार दरअसल आईएमए के पुरजोर विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने एनएमसी बिल को 29 जुलाई 2019 को लोकसभा में पास करा लिया था। लेकिन आईएमए द्वारा सरकार का यह बिल देश की जनता के स्वास्थ्य के लिए आत्मघाती बिल साबित होगा। क्योंकि सरकार अब उनका इलाज 6 महीने तैयार हुए कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर से करवाने जा रही है। सरकार के इस बिल से मेधावी मेडिकल छात्रों का भी सरकार के इस बिल से बहुत नुकसान होने वाला है। इसीलिए अलीगढ़ के आईएमए के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता करके इस बिल से जनता वे छात्रों व चिकित्सकों को होने वाले नुकसान के बारे में बताएं

वहीं आईएमए के पदाअधिकारियों ने बताया कि चिकित्सकों की कमी को देखते हुए कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर इस बिल में प्रावधान किया गया है जो छोटे-छोटे ब्रिज कोर्स बनाए उनमें अब जिस पढ़ाई को करने के लिए 5 वर्ष लगते थे अब कोर्स को करने के लिए 5  महीने में झोलाछाप डॉक्टर बनाए जाएंगे। जिससे अच्छे खासे पढ़ें चिकित्सकों के साथ सरकार द्वारा जो बिल पारित किया गया है। उससे दोहरा मापदंड समाज के लिए घातक साबित होगा। वहीं एमबीबीएस पास करने के लिए अंतिम परीक्षा एक ही होगी एग्जिट एग्जाम जिसमें विद्यार्थियों को एमएस ऑब्लिक एम डी में भर्ती होने के लिए अब अंको में सुधार होने का मौका नहीं मिलेगा।  सरकार के इस बिल के बाद प्राइवेट मेडिकल कॉलेज फीस अब स्वयं ही निर्धारण करेगा जिसकी वजह से अब मेडिकल शिक्षा महंगी हो जाएगी इसमें अब एनएमसी 29 प्रतिनिधि होंगे जिनमें से नौ का चुनाव होगा। सरकार द्वारा इस बिल के आधार पर 20 डॉक्टर सरकार द्वारा नियुक्त किए जाएंगे जो राजनीतिक और ब्यूरोक्रेट होंगे।