एनएमसी बिल के खिलाफ देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल

ख़बरें अभी तक। केन्द्र सरकार द्वारा एनएमसी बिल को लागू करने के विरोध में हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने आवाज बुलंद कर इस बिल की निंदा करने के साथ इसे ड्रेकॉनियन बिल करार दिया है। एसोसिएशन का मानना है इस बिल के लागू होने से मेडिकल प्रोफेशन की भू्रण हत्या होगी और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विपरीत असर पडेगा। हमीरपुर में हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डा पुष्पेन्द्र वर्मा ने कहा कि सरकार इस बिल के माध्यम से झोलाछाप डाक्टरों को बढावा देने की कोशिश कर रही है और एमबीबीएस की पढाई पूरी करने वाले डाक्टरों के हितों की अनदेखी की जा रही है।

प्रदेश महासचिव डॉ. पुष्पेन्द्र वर्मा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार के कथनी व करनी में अंतर है और एनएमसी बिल से डाक्टरों के हितों की अनदेखी होगी। उन्होने आरोप लगाया कि एमसीआई को भंग कर नए एनएमसी आयोग का गठन पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। इस आयोग में 25 सदस्यों में 20 के नाम सरकार द्वारा भेजे जाएगें जिससे इसकी कार्यप्रणाली पर पहले ही प्रश्नचिन्ह लग जाएगें।

प्रदेश महासचिव डॉ. पुष्पेन्द्र वर्मा ने कहा कि बिल के लागू होने के बाद मेडिकल शिक्षा का निजीकरण हो जाएगा और केवल 50 प्रतिशत छात्र ही सरकार सीटों पर दाखिला ले सकेगें। उन्होंने कहा कि बिल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पडेगा। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाए और पूरे देश में एक सामान वेतन पद्धति को लागू करें।