तीन तलाक बिल : ये हैं प्रावधान

ख़बरें अभी तक। लम्बे समय से सुर्खियों में रहा तीन तलाक बिल का मसला अब हल हो चुका है। तीन तलाक विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। बीती 25 जुलाई को ये बिल लोककभा में पास हुआ था। करीब चार घंटे चली बहस के बाद यह बिल राज्यसभा में पास हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2017 में तीन तलाक को गैर-कानूनी करार दिया था। तीन तलाक विधेयक लोकसभा में तीन बार पारित हुआ, लेकिन यह दो बार राज्यसभा में अटक गया। केंद्र सरकार ने तीसरी बार इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जहां इसे पास कराने में कामयाबी मिली। राष्ट्रपति की सहमति के बाद तीन तलाक का विधयेक कानून बन जाएगा।

ये हैं तीन तलाक विधेयक के प्रावधान

तलाक-ए-बिद्दत यानी एक बार में तीन तलाक देना गैर कानूनी
तीन तलाक संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन तब जब महिला खुद शिकायत करेगी
खून या शादी के रिश्ते वाले सदस्यों के पास भी केस दर्ज करने का अधिकार
पड़ोसी या कोई अनजान शख्स इस मामले में केस दर्ज नहीं कर सकता है
मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रॉनिक (एसएमएस, ईमेल, वॉट्सऐप) पर तलाक को अमान्य करार दिया गया
आरोपी पति को तीन साल तक की सजा का प्रावधान
मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है
आरोपी को जमानत तभी दी मिलेगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा
पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है
पीड़ित महिला पति से गुजारा भत्ते का दावा कर सकती है
महिला को कितनी रकम दी जाए यह जज तय करेंगे
पीड़ित महिला के नाबालिग बच्चे किसके पास रहेंगे इसका फैसला भी मजिस्ट्रेट ही करेगा