बाबा विरेन्द्र देव के आश्रम में पड़ी हथौड़े की मार

खबरें अभी तक। दिल्ली के रोहिणी स्थित विजय विहार इलाके में बने बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आध्यत्मिक विश्वविद्यालय पर दिल्ली नगर निगम का हथौड़ा चलना शुरू हो गया है. आरोप है कि इमारत में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया गया, हालांकि महिलाओं के साथ यौन शोषण का आरोप झेल रहा बाबा अब तक पुलिस की पहुंच से दूर है.

वीरेंद्र देव का कथित विश्वविद्यालय किसी जेलनुमा इमारत से कम नहीं है. इसके अंदर लड़कियों को जबरन रखने और उनके साथ यौन शोषण का आरोप है. अब दिल्ली नगर निगम ने भी शिकंजा कसते हुए यहां तोड़फोड़ शुरू कर दी है. एमसीडी ने सबसे पहले इमारत के सबसे ऊपरी हिस्से ढहा दिया, जिस जगह महिलाएं बाबा के साथ ध्यान करती थीं.

इमारत को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि उसमें रोशनदान और खिड़कियां तो हैं लेकिन सबको ढक दिया गया है. आश्रम में अवैध तौर पर बनी बेसमेंट पार्किंग है, एमसीडी की मानें तो हर अवैध हिस्से को ध्वस्त किया जाएगा. एमसीडी के मुताबिक आश्रम के लोगों को कई बार नोटिस दिया गया लेकिन यहां के लोगों नोटिस लेने से इनकार कर दिया, इसके बाद ये करवाई हुई है. आश्रम में फिलहाल करीब 250 महिलाएं हैं इसलिए बड़ी संख्या में आश्रम के बाहर और अंदर पुलिसबल तैनात किया गया जिससे क़ानून व्यवस्था न बिगड़ सके.

एक तरफ विश्वविद्यालय तोड़ा जा रहा है तो दूसरी ओर विश्वविद्यालय का मुखिया बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित अब तक गायब है. उसे 4 जनवरी को दिल्ली हाइकोर्ट में पेश होना था लेकिन वो पेश नहीं हुआ. अब उसे 5 फरवरी तक कोर्ट में हाज़िर होना है, उसके खिलाफ सीबीआई ने यौन शोषण और अपहरण के तीन मामले दर्ज किए हैं.

बाबा पर आरोप है कि विश्वविद्यालय में कई लड़कियों को जबरन रखा जाता है और बाबा उनका यौन शोषण करता है. पीड़ित परिवारों के कई दिन के हंगामे के बाद इस मामले की जांच दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी है. दिल्ली महिला आयोग ने इस आश्रम का दौरा भी किया था. वीरेंद्र देव के देश और देश से बाहर करीब 200 आश्रम हैं जिनमें विजय विहार का आश्रम सबसे बड़ा है.