आखिर कब तक होता रहेगा बच्चों के भविष्य से खिलवाड़, किताबों की जगह बच्चों के हाथों में जूठी प्लेट

ख़बरें अभी तक। आखिर कब तक बच्चों के भविष्य से ऐसे ही खिलवाड़ होता रहेगा, क्यों सरकारी स्कूलों के अध्यापक बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते रहेंगे। ताजा मामला सोनीपत के मोहन नगर के प्राइमरी स्कूल का सामने आया है। जिससे आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएं या नहीं। मोहन लगर के प्राइमरी स्कूल में मिड-डे मिल के बाद बच्चों से ही प्लेट साफ करवाई जा रही है। जब इस बावत अध्यापकों से पूछा गया तो उनका कहना है कि बच्चों को प्लेट साफ करने के लिए नहीं कहा गया था। जबिक खुद बच्चों ने बताया कि रोज प्लेट साफ करते है।

वहीं जब कैमरे में कैद हुआ तो स्कूल के अध्यापिका के पैरों तले की शायद जमीन निकल गई और वह कैमरे के सामने आकर बोली कि बच्चों को किसी ने नहीं कहा था कि वह प्लेट साफ कर ले हालांकि बच्चों ने अध्यापक के सामने ही कहा कि आंटी ने कहा है और आंटी को बुलाने की बात कही गई लेकिन आंटी ही नहीं आई।

इस पूरे वाक्य के बाद अधिकारी क्या कार्यवाही करेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन सरकारी सिस्टम को तार-तार कर देने वाला मामला जरूर है कि आखिरकार जिन बच्चों को किताब देकर पढ़ाना चाहिए उनसे ही जूठे बर्तन क्यों साफ करवाए जाते हैं। इसीलिए सरकारी स्कूलों का रिजल्ट भी अच्छा नहीं हो पा रहा है। सरकार कितने भी दावे कर ले. लेकिन जब तक सिस्टम नहीं सुधरेगा.. जब तक सरकारी स्कूलों के हालात नहीं सुधरेंगे।