प्रदेश सरकार ने वर्षा के जल को अनिवार्य रूप से इकट्ठा करने का फैसला लिया

ख़बरें अभी तक। देश में बढ़ते जल संकट को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने बारिश के पानी को संरक्षण करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने हर घर में वर्षा के जल को अनिवार्य रूप से इकट्ठा करने का फैसला लिया है। जिसका किसान इस पानी से अपनी फसलों की सिंचाई कर सके और अन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर सके।सरकार ने इसके लिए इजरायली तकनीक अपनाने का फैसला लिया है।

सरकार इजराइल की कंपनी से इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक से तैयार फ्लैक्सी टैंक को हिमाचल में लाने वाली है। जिसकी कीमत भी काफी कम होगी। 25 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की कीमत 19 हजार रुपये जबकि अभी 25 हजार लीटर केआरसीसी का टैंक बनाने के लिए सरकार को अढ़ाई से तीन लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं।इसी तरह 50 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की 35 हजार रुपये है। किसानों को 4 लाख लीटर तक के फ्लैक्सी टैंक मुहैया करवाये जाएंगे।सरकार मामले को कैबिनेट में लाएगी और किसानों को इस पर सब्सिडी देने पर भी सरकार विचार कर रही है।

सरकार ने किसानों की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए अच्छी गुणवत्ता की एन्टी हैल्नेट लगाने का भी फैसला लिया है। हैल्नेट में उपयोग होने वाले धागे की गुणवत्ता 0.28 एमएम का होनी चाहिए जबकि प्रदेश के किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जा रहा है।सरकार ने इजराइल की कंपनी से 23 रुपये स्केर मीटर के हिसाब से नेट की मांग की है, जबकि अभी हिमाचल में 38 से 40 रुपए स्केर मीटर के हिसाब से किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जाता है जबकि उसकी गुणवत्ता सही नहीं है।