जानिए, कब है तीज का त्योहार और कुंवारी लड़कियों के लिए क्यों शुभ है इस दिन व्रत रखना

ख़बरें अभी तक। हिंदु धर्म में तीज का त्योहार काफी महत्व रखता है। हिंदुओं के लिए यह त्योहार काफी शुभ माना जाता है। सावन के इस महीने में 3 अगस्त (शनिवार) को हरियाली तीज का व्रत पड़ रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए यह व्रत करती हैं। और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। इस अवसर पर झूला झूलने और मेहंदी लगाने का भी रिवाज है। नवविवाहिताएं पहले सावन में मायके आकर हरियाली तीज का उत्सव मनाती हैं। इसके बाद 1 सितंबर को हरितालिका तीज पड़ेगी।

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त शुक्ल पक्ष की तृतिया तिथि 3 अगस्त को 1.36 बजे से शुरू होगा और रात 22.05 बजे (11 बजकर 5 मिनट) इसका समापन हो जाएगा। हरियाली तीज का नियम है कि क्रोध को मन में नहीं आने दें। इस दिन विवाहित महिलाओं को अपने मायके से आए वस्त्र ही धारण करने चाहिए, साथ ही श्रृंगार में भी वहीं से आई वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। माना जाता है कि जो कुंवारी कन्याएं इस व्रत को रखती हैं तो उनके व‌िवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।जो स्त्रियां इस दिन व्रत रखती हैं, उन्हें भगवान शिव की पूजा करने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए. इस बार हरियाली तीज बुधवार को है, इसलिए पूजा-पाठ के बाद लड्डू का भोग जरूर लगाएं, क्योंकि लड्डू भगवान गणेश को बहुत पसंद हैं। यह त्योहार वैसे तो तीन दिन मनाया जाता है लेकिन समय की कमी की वजह से लोग इसे एक ही दिन मनाने लगे हैं। हरियाली तीज पर्व पर मेंहदी, झूला और सुहाग-चिह्न सिंजारे का विशेष महत्व है। इस विशेष अवसर पर नवविवाहिताओं को उनके ससुराल से मायके बुलाने की परंपरा है। वे अपने साथ सिंघारा लाती है। साथ ही मायके से कपड़े, गहने, सुहाग का सामान, मिठाई और मेंहदी भेजी जाती है, जिसे तीज का भेंट माना जाता है। गांव-कस्बों में जगह-जगह झूले लगाए जाते हैं। कजरी गीत गाती हुई महिलाएं सामूहिक रुप से झूला झूलती हैं।