सपा नेता आजम खान पर चौतरफा प्रहार, एक और मामले में राज्यपाल ने दिए जांच के आदेश

ख़बरें अभी तक। सपा के कदावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की मुसीबतें रुकने का नाम नहीं ले रही है। संसद में दिए बयान पर अभी विवाद थामा नहीं था कि किसानों ने आजम पर जमीन कब्जाने के आरोप लगाए। अब एक और मामले में आजम खान पर आरोप लगते नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कांग्रेस नेता फैसल खान की शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं।

आपको बता दें कि कांगेस के नेता फैसल खान ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा हैं कि उनका कहना है कि अंग्रेजों के जमाने का लालपुर पुल आजम खान की सिसयासत की भेंट चढ़ गया। उनका आरोप है कि तहसील टांडा के लाखों लोग पुराने पुल से होकर शहर आते थे। जबकि नया पुल पुराने पुल से दूर हटाकर बनाने का काम शुरू किया गया था। आज़म ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए बिना नया पुल बनये पुराने लालपुर के पुल को इसलिए तुड़वा दिया क्योकि वह अपने बेटे अब्दुल्ला आज़म को पुल के उस पार स्वार-टांडा विधानसभा से चुनाव लड़ाना चाहते थे।

अचानक साल 2017 आम विधानसभा चुनाव से ठीक 6 महीने पहले आज़म के इशारे पर पुल को गिरा दिया गया। जिसके बाद आज़म ने जनसभाओं में टांडा के लाखों वोटरों को ब्लैकमेल करते हुए कहा कि यदि अब्दुल्ला चुनाव नहीं जीता तो तुम्हारा पुल नही बन सकेगा। आज़म ने ना सिर्फ पुल धवस्त करवाया बल्कि उसका करोड़ो का मालवा गार्डर्स आदि सामान जौहर ट्रस्ट को मुफ़्त में दे दिया। पुल टूटने के कारण तहसील टांडा के लगभग 5 लाख लोगों का संपर्क ज़िला मुख्यालय से आज तक कटा हुआ है। इसलिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए साथ ही लालपुर के नये पुल को अतिशीघ्र बनवाने के लिए कांग्रेस नेता फैसल खान लाला ने 8 जुलाई को लखनऊ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था। जिस पर राज्यपाल राम नाईक ने संज्ञान लेते हुए सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को पत्र लिखकर कार्यवाही के निर्देश दिए है।