रामलाल ठाकुर ने वन के मुद्दे पर सरकार को कठघरे में किया खड़ा

ख़बरें अभी तक। पूर्व वन मंत्री व नयनादेवी के मौजूदा विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा है कि वनों के क्षेत्रफ़ल बढ़ने के बारें में जो सरकार द्वारा आंकड़े जनता के सामने दिया जा रहे है। वह सिर्फ सेटेलाइट के आंकड़े प्रस्तुत किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2 साल के नये पौधों का सर्वे सेटेलाइट में नहीं आ सकता है।

उन्होंने कहा कि क्योंकि सेटेलाइट में निजी व सरकारी जंगलों को अलग-अलग नहीं दर्शाया जा सकता है। इसलिये ये आकंड़े सिर्फ सरकार के फाइलों तक सीमित रहते हैं। जबकि लोगों द्वारा अपनी निजी भूमि में किये गए पौधारोपण को और वन विभाग के पौधारोपण को अलग-अलग चिन्हित करके सेटेलाइट में डालना चाहिये।

पूर्व वन मंत्री व विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिये कि जंगलों का आज तक कितना नुकसान हुआ है। प्रदेश सरकार को पिछले 10 साल का पौधारोपण का रिकॉर्ड जारी करके जनता को बताए कि जंगलों को कितना नुकसान हुआ है। जिस से यह बात स्पष्ट हो सकेगी कि नये पौधों में से कितने जीवित बचे हुए हैं।

जंगलों में आग लगने से तथा अवैज्ञानिक ढंग से बिरोज़े का दोहन करने से चीड़ के पेड़ों को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। हिमाचल सरकर को तुरन्त ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाना चाहिये। पूर्व वन मंत्री रामलाल ठाकुर ने कहा है कि जंगलों से लैंटाना बूटी को उखाड़ने के लिये वन विभाग को जाने वाले बज़ट के के हिसाब व खर्च हुई राशि को सरकार द्वारा जनता को बताना चाहिये।