आपके अंगदान से बच सकती हैं कितनी जिंदगियां

ख़बरें अभी तक।  भारत में जागरुकता की कमी के कारण लोग अंगदान करने से कतराते हैं। अंगदान की कमी के कारण प्रति वर्ष लगभग पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे में ‘ब्रेन डेड’ की स्थिति में अंगदान करवा कर लाखों जिंदगियों को बचाया जा सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अंगदान के लिए विशेष अभियान चलाकर जागरुकता उत्पन्न करने की कोशिश की जानी चाहिए जिससे लोग इसके लिए आगे आएं। प्रति वर्ष 13 अगस्त को अंगदान दिवस भी मनाया जाता है। लोग धार्मिक या सामाजिक कारणों से भी अंगदान करने से हिचकते हैं। यही कारण है कि अंगदान करने के मामले में भारत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले पिछड़ा हुआ है। हमारे देश में प्रति दस लाख की आबादी पर केवल 0.5 लोग अंगदान करते हैं। जबकि प्रति दस लाख की आबादी पर स्पेन में 36 लोग, क्रोएशिया में 35 और अमेरिका में 27 लोग अंगदान करते हैं।

‘ब्रेन डेड’ या ‘मानसिक मृत’ हो चुके लोगों के परिवार जन भी अंगदान करने से बचते हैं जबकि यह निश्चित हो जाता है कि ‘ब्रेन डेड’ की अवस्था के बाद जीवनकाल बढ़ाना संभव नहीं होता।

एक आंकड़े के मुताबिक अंगदान की कमी के कारण अकेले भारत में प्रति वर्ष पांच लाख लोग मर जाते हैं। एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2015 में रेल, बसों, ट्रकों या अन्य तरीके से कुल 496,762 दुर्घटनाएं हुई।

इनमें सड़क हादसों की संख्या 4,64,674 थी। इन सड़क हादसों में कुल 148,707 लोगों की जान गई। डॉक्टरों का कहना है कि दुर्भाग्य से यही वे लोग हैं जिनका अंगदान कराया जा सकता है और इसके माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी बचाया जा सकता है।