ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मामला, किसानों ने टोल टैक्स में भागीदारी, विकास के लिए मांगा पैकेज

ख़बरें अभी तक। ग्रीन कारिडोर नेशनल हाईवे 152 डी की अधिग्रहीत जमीन की कम की कई मुआवजा राशि को बढ़ाने, टोल टैक्स में किसानों की भागेदारी करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 15 दिन से धरनारत किसानों ने शहर में रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने लघु सचिवालय कूच करते हुए सीएम के नाम सीटीएम को ज्ञापन सौंपा। साथ ही अल्टीमेटम दिया कि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो किसान आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए बड़ा आंदोलन करेंगे और आगामी चुनावों में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे।

जिले के गांव ढाणी फौगाट में कई गांवों के किसान पिछले 15 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर डटे हुए हैं। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आज दादरी शहर में जुलूस निकालते हुए रोष प्रदर्शन किया और लघु सचिवालय कूच किया। इस दौरान महिलाओं के साथ प्रदर्शन करते हुए सरकार पर आरोप लगाए। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे अधिवक्ता सुखवंत सिंह व उमेद पातुवास ने संयुक्त रूप से भाजपा सरकार द्वारा किसानों की जमीन अधिग्रहण करके उचित मुआवजा नहीं देने व किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया।

किसानों का कहना कि उनके गांवों से निकलने वाले ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का रेट रिवाइज्ड करने के बाद मुआवजा की राशि काफी कम कर दी। जबकि किसानों की मांग है कि प्रति एकड़ा दो करोड़ मुआवजा मिले। इसके अलावा टोल टैक्स में किसानों की भागेदारी, किसान परिवारों के युवाओं को एनएचआई में नौकरी, जिन गांवों में जमीन अधिग्रहीत की गई उन गांवों में प्रति वर्ष दो करोड़ का विकास पैकेज मिले। किसानों ने सीएम के नाम नगराधीश डा. विरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा। साथ ही अल्टीमेटम दिया कि उनकी मांगों पर सरकार ने संंज्ञान नहीं लिया गया तो किसान आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए बड़ा आंदोलन करेंगे।