“चंद्रयान-2 के सफलतापूर्वक लॉन्चिंग पर इसरो के वैज्ञानिकों को विज ने दी बधाई

ख़बरें अभी तक। “चंद्रयान-2 के सफलतापूर्वक चंद्रमा के कक्ष में स्थापित करने पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने इसरो के वैज्ञानिकों सहित अम्बाला की वेशेषिक इलेक्ट्रान डिवाइसिस को रॉकेट लांच ईंधन की थ्रस्ट को मापने वाला यंत्र बनाने पर बधाई दी है। यह कम्पनी द्वारा बनाये गए उपकरण अग्नि-3 मिसाइल, जगुआर, यूएस 30, मिग, सुखोई, लाइट कम्बाईट फाइटर प्लेन में भी सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं।

अम्बाला के औद्योगिक क्षेत्र की वैशेषिक इलेक्ट्रान डिवाइसिस कंपनी के बनाये उपकरण चंद्रयान-2 की सफलता में अहम भूमिका निभा रहे हैं। कम्पनी के मैनेजर प्रोडक्शन सुरेश पाल ने बताया कि हम पिछले 30 साल से इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक एवम केलिब्रेशन उपकरण बना रहा है जिसका उपयोग रक्षा मंत्रालय के कई प्रोजेक्ट में सफलता पूर्वक काम कर रहे हैं। इस कंपनी ने एक 450 टन क्षमता वाली एक लोड सेल केलिब्रेशन मशीन श्री हरिकोटा सतीश धवन आंतरिक्ष केंद्र में भी लगाई है, जो एशिया की सबसे बड़ी ओर पहली मशीन है जिसका प्रयोग उपग्रह प्रक्षेपण के चंद्रयान-2 मिशन में भी इसका इस्तेमाल हुआ है।

सुरेश पाल का कहना है कि उनकी कम्पनी द्वारा बनाये गए उपकरणों के कारण अध्यक्ष अनिल जैन को राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक सम्मानित कर चुके हैं। उनके मुताबिक वैशेषिक कम्पनी ने राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला ओर चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संस्थान की मदद से कई ऐसे डिवाइसिस बनाये है जो बुल्गेरिया, सिंगापुर, सऊदी अरब, ईरान सहित अन्य देशों में निर्यात किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि आंतरिक्ष यान में इस्तेमाल होने वाले ठोस इंजन का परीक्षण इस कंपनी द्वारा बनाये गए “माइक्रोस्कोप” के जरिये किया जाता है।

इसी के द्वारा बारीक से बारीक तत्त्वों को पकड़ा जाता है और इसका सॉफ्टवेयर भी इसी कंपनी द्वारा तैयार किया गया है। अब इनकी यह डिवाइसिस चांद्रायन-2 में लगाई गई है जो चंद्रमा के कक्ष में स्थापित हुआ है। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने चंद्रयान-2 के चंद्रमा के कक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित होने पर इसरो के वैज्ञानिकों ओर रॉकेट लांच ईंधन की थ्रस्ट को मापने वाले यंत्र की निर्मित कंपनी वैशेषिक इनलेकरण डिवाइसिस के अध्यक्ष को बधाई देते कहा है कि यह उनकी बहुत बड़ी सफलता है।

जिस कारण इस चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक लांच किया गया है ओर यह चंद्रमा के दक्षिण भाग में स्थापित किया गया है जहां कोई भी अपना यान भेज नही सका। इसके साथ ये भी बहुत बड़ी बात है कि ये बहुत कम खर्चे में बनाया गया। विज ने कहा कि जितने में यह चांद्रायन-2 भेजने का 950 करोड़ खर्च आएगा उससे ज्यादा में तो हॉलीवुड की फ़िल्म बनती है। उन्होंने इसरो के तमाम वैज्ञानिकों को मुबारकबाद देते कहा कि अम्बाला इंडस्ट्रीज ने जो इसमें इंस्ट्रूमेंट लगाया है वो भी बधाई के पात्र हैं। जिनके उपकरण सेनाओं, समुद्री जहाजों ओर अन्य जगह इस्तेमाल हो अम्बाला का साइंस उद्योग देश की तरक्की में विशेष योगदान है।