शिमला: पुलिस की बदसलूकी और दादागिरी के खिलाफ अब हाईकोर्ट बार एसोसिएशन भी उतरा सड़कों पर

ख़बरें अभी तक। शिमला के प्रतिबंधित मार्गो पर गाड़ियाँ बैन करने के हाई कोर्ट के फैसले को लेकर वकीलों में खासा रोष है फैसले के विरोध में वकीलों ने आज कोर्ट की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जनरल हाउस बुलाकर मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उठाने का फैसला लिया है। मामले को लेकर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने पांच सदस्यीय हाई पावर कमेटी का गठन भी किया है।जो मामले को लेकर आगे की रणनीति तय करेगी।हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव जीवन ने पूछा है कि क्या सील्ड रोड पर नौकरशाहों की ही गाड़ियां चल सकती हैं, क्या मालरोड के आसपास विधायकों की ही स्टीकर लगी गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं।

इसके साथ ही वकीलों ने बीते कल उन पर बालूगंज थाने में एफआईआर दर्ज होने के विरोध में 25 जुलाई को प्रदेशभर के कोर्ट में कामकाज बंद रखने का आहृवान किया है।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा है कि अंग्रेजों के समय मे यह रोड उस समय के हालातों को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंधित किये गए थे लेकिन अब हालात बदल गए हैं आज देश आजाद हो गया है अब इस तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।अधिवक्ता इसके लिए आंदोलन लड़ेंगे।

वकीलों ने हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन से मामले को लेकर ओपन कोर्ट में मिले व अपनी बात रखी है। पिछले सप्ताह प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा था कि शहर की प्रतिबंधित व सील्ड सड़कों पर कोई भी गाड़ी पार्क न हो। कोर्ट ने इन अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि उक्त सड़कों पर बिना परमिट के वाहनों को चलाने की कोई अनुमति न हो।