ख़बरें अभी तक। हरियाणा के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में बढ़ी हुई फीस का विरोध कर रहे आंदोलनकारी छात्राओं का संघर्ष रंग लाया है। प्रदेश सरकार ने बढ़ी हुई फीस का फरमान वापस ले लिया है। जिसे सभी छात्राओं में खुशी का माहौल है। अब राज्य के छात्रों को पिछले साल की तह ही फीस का भुगतान करना होगा। जिन छात्रों से फीस वसूली की जा चुकी है उन्हें अगले एक पखवाड़े के भीतर बढ़ाकर वसूली गई फीस वापस कर दी जाएगी।
बता दें कि उच्चतर शिक्षा विभाग ने फीस बढ़ाने के साथ ही पांच तरह के शुल्क भी बढ़ाने के फरमान जारी किए थे। मुख्यमंत्री से हुई बातचीत में इन बढ़े हुए शुल्क को वापस लेने पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ, लेकिन बढ़ी हुई फीस नहीं ली जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के सभी कुलपतियों को निर्देश दिए कि वे शैक्षणिक सत्र 2018-19 में छात्रों के लिए लागू फीस स्ट्रक्चर को ही शैक्षणिक सत्र 2019-20 में भी लागू करें।
उच्चतर शिक्षा विभाग ने जो पांच नए शुल्क लगाए, उनमें विश्वविद्यालय योग्यता फीस, विश्वविद्यालय पूर्व छात्र शुल्क, डा. अब्दुल कलाम फीस, आडियो-वीडियो एड फीस और करियर काउंसलिंग फीस शामिल है। विभाग इससे पहले डॉ. राधाकृष्णन फंड के तहत 70 रुपये वसूल रहा है। इस बार सभी फीस उच्चतर शिक्षा विभाग ऑनलाइन खुद ले रहा है। ऐसे में कालेजों को उनका हिस्सा बाद में मिलेगा।
जिस फीस स्ट्रक्चर को लेकर आंदोलन हुआ वे इस प्रकार है…………………..
बीए-1 बीएससी-1 बीकॉम-1
वर्तमान सालाना फीस 7424 रुपये 10204 रुपये 5114 रुपये
पूर्व में वसूली जाने वाली फीस 6340 रुपये 7200 रुपये 3520 रुपये
बढ़ी फीस का अंतर 1084 रुपये 3004 रुपये 1594 रुपये