केंद्र सरकार ने हिमाचल को दी 4.5 करोड़ की ये कौशल विकास परियोजना

ख़बरें अभी तक। भारत सरकार ने हिमाचल प्रदेश को कौशल विकास के लिए तीन साल की अवधि वाली 4.5 करोड़ की एक परियोजना आवंटित की है। इसका उद्देश्य जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 12वीं व स्नातक विद्यार्थियों को जैव प्रौद्योगिकी के उपकरणों और तकनीकों का गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण देना है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने जैव प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षित युवाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण देने और गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से कौशल विज्ञान कार्यक्रम शुरू किया है।

हिमाचल देश में यह कार्यक्रम लागू करने वाले छह राज्यों में शामिल है। अन्य राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, उड़ीसा, पंजाब और उत्तराखंड इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए चुने गए हैं। परिषद के सदस्य सचिव डीसी राणा ने बताया कि यह कार्यक्रम जीव विज्ञान क्षेत्र कौशल विकास परिषद और राज्य के सहयोगी संस्थानों के सहयोग से कार्यान्वित किया जाएगा।

गुणवत्ता नियंत्रण को तीन माह के दो प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रति वर्ष हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला, एचपीयू, जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विवि वाकनाघाट और शूलिनी जैव प्रौद्योगिकी विवि में होंगे। बद्दी और एटरनल विश्वविद्यालयों में इस प्रकार का एक कार्यक्रम होगा।