प्रशासन द्वारा निर्धारित यात्रा की तिथि से पूर्व ही महादेव के दर्शन कर रहे श्रद्धालु

ख़बरें अभी तक। देश की कठिनतम रोमांचक धार्मिक यात्राओं में शुमार 18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्री खंड यात्रा का सफर इस वर्ष बेहद चुनौती पूर्ण है। आधिकारिक तौर पर शुरू होने जा रही श्रीखंड यात्रा से पूर्व ही यात्रा करके वापिस लौटे आनी उपमंडल बुछैर गांव के पूर्ण सकसेना व कोहिला गांव के शमशेर शामी ने बताया कि इस वर्ष रास्ते में बर्फ से लदे कई ग्लेशियर है, जो रास्ते में यात्रियों के लिए रोड़ा डाले हैं। चारों ओर बर्फ ही बर्फ है, जिससे यात्रा बेहद रोमांच भरी है वहीं ये यात्रा बेहद खतरनाक भी है। उन्होंने बताया कि पार्वती बाग से आगे श्री खंड तक पूरे रास्ते में कई कई फुट ऊंची बर्फ की दीवार है।30 किलोमीटर की कठिनतम व जोखिम भरी पैदल यात्रा में ये लोग 29 जून को घर से चले थे 2 जुलाई को सकुशल वापिस लौट आए। हालांकि अधिकारिक तौर पर प्रशासन के द्वारा ये यात्रा 15 जुलाई से 25 जुलाई तक करवानी निश्चित हुई है। पूर्ण चंद ने बताया कि भीम डबारी से कुछ आगे गलेशियर है तथा पार्वती बाग के बाद बर्फ ही बर्फ है जबकि नैन सरोवर से जाने वाला रास्ता बर्फ में गायब है इस कारण उन्होंने पार्वती बाग से सीधा 5 घंटे तक का सफर गलेशियर में पैदल तय किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कई दर्जनों गलेशियर बने हुऐ है।उल्लेखनीय है कि श्रीखंड महादेव के दर्शनों के लिए देशभर से प्रतिवर्ष हजारों लोग आते हैं। ऊंचाई वाले क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी के चलते श्रद्धालुओं को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वजह प्रतिवर्ष यहां कई श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा हिदायत जारी की जा चुकी है कि प्रशासन की अनुमति के बिना कोई यात्री इस जोखिम यात्रा को न करें।