पीड़ित परिवार के इजाज़त के बिना बनी फिल्म ‘आर्टिकल15’

ख़बरें अभी तक। बदायूं के थाना उसैहत के ग्राम कटरा सहादतगंज का रेप और हत्या का कांड में फिल्म आर्टिकल15 जो कि कटरा सहादतगंज का रेप और हत्या कांड पर आधारित है, लेकिन इस फिल्म आर्टिकल15 में  नया मोड़ देखने को मिला है। इस मूवी का विरोध प्रदर्शन भी चल रहा है क्योंकि इस मूवी में कटरा कांड में तथ्यों और धर्म परिवर्तन कर कई बदलाव किए हैं और सबसे अहम बात है कि फिल्म बनाने से पहले पीड़ित परिवार से इजाजत लिए बिना ही पूरी फिल्म बना ली गई है, जिस कारण बदायूं पुलिस ने पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई है, जिससे कि पीड़ित परिवार को कोई भी नुकसान नहीं हो।

आपको बताते चले कि जनपद बदायूं के थाना उसैहत के ग्राम कटरा सहादतगंज में 27 मई 2014 को दो सगी बहन सीता और गीता के आम के बाग में पेड़ पर फांसी के फंदे शव लटकते मिले थे। लड़कियों के परिजनों नें गांव के ही पप्पू यादव, अवधेश यादव, उर्वेश यादव, छत्रपाल यादव, सर्वेश यादव व कटरा सादतगंज पर तैनात दो सिपाहियों को आरोपी बनाया था। यह मामला देश के साथ विदेश की मीडिया भी छाया रहा। लेकिन देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन न्यायालय ने क्लोजर रिर्पोट को खारिज कर सभी को पुनः आरोपी बना दिया।आर्टीकल 15 फिल्म रिलीज हो गई है उसी को लेकर लड़कियों के परिजनों का आरोप है कि यह फिल्म उनकी लड़कियों की मौत को लेकर बनायी गयी है लेकिन इसमें तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है तथा जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया तथा फिल्म बनाते समय उनके किसी भी परिवार के सदस्य से अनुमति नहीं ली गयी इसके लिए वह कोर्ट का दरवाजा खटखटायगें।

पूरा प्रकरण कटरासहादतगंज बदायूं

तारीख-27मई 2014 को बदायूं  जनपद में  स्थान-गंगा की कटरी में बसा बेहद पिछड़ा कटरा सहादतगंज गांव। इससे पहले शायद बदायूं वालों ने ही ठीक से गांव के बारे में सुना भी नहीं  होगा मगर, देश को शर्मसार करने वाले घटना ने पूरी दुनिया में इसे सुर्खियां बना दिया। वजह भी बेहद क्रूर और दिल दहला देने वाली थी। दबंगई की तो इंतहा हो गई थी, जिसके दम पर दो सगी  बहनों के साथ दरिंदगी को अंजाम दिया गया। इतना ही नहीं, कृत्य छिपाने के लिए दोनों को मारकर  गांव के बाहर पेड़ से दोनों के शवों को टांग दिया था। मामला मीडिया की सुर्खियां बनने पर तत्कालीन सपा सरकार जागी।

एसआइटी से लेकर सीबीआई जांच बैठी। हाईकोर्ट तक उतार-चढ़ाव आते रहे, लेकिन परिजनों को इंसाफ आज तक नहीं मिल पाया। अलबत्ता, बेटियों के साथ होने वाली हैवानियत को उजागर करने की बॉलीवुड की कोशिश ने  एक बार फिर बदायूं के थाना उसैहत के ग्राम कटरा सहादतगंज का 2014 रेप व हत्या का  कटरा कांड सुर्खियों में आ गया है। इस घटना पर फिल्म आर्टिकल-15 बनकर तैयार हो गई है। जो कि 28 जून को रिलीज हो चुकी है। हालांकि, फिल्म में आरोपियों की जाति को लेकर विरोध शुरू हो गया है। ब्राह्मïण समाज पात्रों को लेकर आपत्ति जता रहा है।

 यह था बदायूं का घटनाक्रम

जनपद बदायूं के उसहैत थाना क्षेत्र के गांव कटरा सआदतगंज गांव की रहने वाली दो नाबालिग सगी चचेरी बहनें देर शाम शौच जाने की बात कहकर घर से निकली थीं। देर रात तक जब वह वापस घर नहीं पहुंचीं। परिजन तलाश करने निकले। रात करीब एक बजे दोनों के शव पड़ोस के आम के बाग में टंगे मिले। रात में ही शोर-शराबा मचा तो गांव के पप्पू यादव, भाई अवधेश यादव, उर्वेश यादव के अलावा कटरा चौकी पर तैनात सिपाही सत्यपाल व सर्वेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।

घटना पर जमकर हुई सियासत

घटना पर सियासत भी जमकर हुई। शुरुआती दौर में किशोरियों के अनुसूचित जाति का होने की बात प्रचारित हुई तो बसपा प्रमुख मायावती गांव पहुंच गईं। बाद में पता चला कि किशोरियां पिछड़ी जाति के परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आए। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया का जमावड़ा लगा रहा। कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हुई।

अखिलेश सरकार में हुई घटना

मामला तूल पकड़ा तो शुरुआत में एसआइटी जांच हुई। आरोपितों को जेल भेज दिया गया। बाद में तत्कालीन अखिलेश सरकार पर और दबाव पड़ा। जांच सीबीआई को सौंपी मगर वह भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। आखिर में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी। पीडि़त परिवार ने इसका विरोध किया। अदालत में चुनौती दे दी। स्थानीय अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा। आखिर में बदायूं की पाक्सो कोर्ट ने रिपोर्ट खारिज कर दी। आरोपितों के खिलाफ मामला अब भी विचाराधीन है। आरोपित जमानत पर बाहर है।