ऊना: एक जेई और एक क्लर्क के सहारे चल रही नगर परिषद, स्टाफ की कमी के चलते अधर में लटकी योजनाएं

ख़बरें अभी तक। नगर परिषद ऊना इन दिनों स्टाफ की भारी कमी से जूझ रही है। जिस कारण नगर परिषद के विकास को तो ग्रहण लगता जा रहा है। वहीं स्थानीय लोगों को भी अपने रोजमर्रा के कामों के लिए नगर परिषद के बार चक्कर काटने पड़ते है। पिछले कई दिनों से ऊना नगर परिषद एक जेई और एक क्लर्क के सहारे चल रही है। जबकि नगर परिषद में मौजूदा समय में 11 पद खाली चल रहे है। स्थानीय लोगों ने सरकार से नगर परिषद में पूरा स्टाफ मुहैया करवाने की मांग उठाई है।

हिमाचल प्रदेश की सबसे पुरानी नगर परिषदों में शुमार ऊना नगर परिषद आजकल स्टाफ की कमी से जूझ रही है। नगर परिषद ऊना के लिए वर्ष 1990 में प्रशासनिक व स्थापना विभाग में कुल 13 पद स्वीकृत किये गए थे। जबकि 1990 से लेकर अब तक ऊना नगर परिषद में जनसंख्या अढ़ाई गुना बढ़ गई है लेकिन नगर परिषद में कर्मचारियों को बढ़ाने की बजाय जो 13 पद स्वीकृत है। उनमें से भी 11 पद खाली चल रहे है। ऊना नगर परिषद में पिछले लंबे समय से कार्यकारी अधिकारी का पद खाली चल रहा है। जबकि सहायक अभियंता, वरिष्ठ सहायक व् क्लर्कों के पद खाली है। इसके अलावा कम्युनिटी आर्गेनाइजर, स्टेटिस्किल असिस्टेंट, सफाई निरीक्षक और सफाई पर्यवेक्षक के पद भी नहीं भर पाए है। जिस कारण ऊना नगर परिषद क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों का पहिया तो थम ही गया है।

वहीं स्थानीय लोगों को भी अपने रोजमर्रा के कामों जैसे डेथ, बर्थ और मैरिज प्रमाण पत्र, हाउस टैक्स के अलावा अन्य कार्यों के लिए बार-बार चक्कर काटने पड़ते है बाबजूद इसके भी लोगों के काम नहीं हो पा रहे है। स्थानीय लोगों ने सरकार से ऊना नगर परिषद में स्टाफ मुहैया करवाने की मांग उठाई है ताकि लोगों को अपने कार्यों के लिए बार बार नगर परिषद कार्यालय में जाकर धक्के ना खाने पड़े।

वहीं नगर परिषद ऊना के अध्यक्ष बाबा अमरजोत सिंह बेदी की माने तो इस बारे विभाग और सरकार को कई बार लिखित और मौखिक रूप से अवगत करवाया गया है लेकिन समस्या का अभी तक निदान नहीं हो पाया है।