कुल्लू जिले में सेब पर बढ़ा स्कैब का खतरा, बागवान चिंतित

ख़बरें अभी तक। बागवानी विशेषज्ञ बागवानों को स्कैब रोग की रोकथाम के लिए बगीचों में आवश्यक स्प्रे करने की हिदायत दे रहे हैं। इसमें कैप्टान, डोडीन और मैकोजेब स्प्रे किए जाने की सलाह बागवानों को दी जा रही है। बागवानों की मानें तो 200 लीटर पानी में 600 ग्राम कैप्टान रसासन का घोल तैयार करके उसका पौधों पर छिड़काव कर सकते है। इसी तरह 600 ग्राम मैकोजेब को 200 लीटर पानी में घोल तैयार करके उसका भी छिड़काव कर सकते है।

बागवानों को 200 लीटर पानी में 200 ग्राम डोडीन को मिला कर इसकी स्प्रे किए जाने की हिदायत दी जाती है। बागवान अगर समय रहते आवश्यक रसायनों की स्प्रे करते है तो वह सेब को इस रोग के खतरे से बचा सकते है। रोग दिखने पर तुरंत बागवानी विशेषज्ञ से ज़रूर सम्पर्क करें।

स्कैबरोग के लक्षण…….

इस रोग के लगने से सेब की पत्तियों का निचला हिस्सा भूरे रंग का हो जाता है। यह धीरे- धीरे अपना असर फल पर छोड़ देता है और सेब दागी हो जाता है। सेब पर काले रंग के दाग लगने शुरू हो जाते है। सेब के दागी होने के बाद बाजार में उसके अच्छे दाम नहीं मिलते और बागवानों की सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है। कुल्लू जिले में सेबों पर लगने वाले स्कैब रोग ने बागवानों की चिंता को बढ़ा दिया है।