उत्तराखंड : महिला संबधी आपराधों में इजाफा, घरेलू हिंसा के सबसे ज्यादा मामले दर्ज

ख़बरें अभी तक। महिला सुरक्षा को लेकर केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तमाम दावे करती रहती हैं, लेकिन महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध इन दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं. भारत सरकार मंत्रालय और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे वन स्टॉप सेंटरों के आंकड़ों से साफ जाहिर है कि महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं में कमी आने के बजाए बढ़ोतरी हो रही है. जिला मुख्यालय रुद्रपुर में चल रहे सखी वन स्टॉप सेंटर में अप्रैल माह से 28 जून तक 83 मामले पंजीकृत हुए है. इनमें सबसे ज्यादा मामले घरेलू हिंसा हैं. वहीं, सखी वन स्टॉप सेंटर से 54 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है।

ऊधमसिंहनगर जिले में पिछले साल की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष में महिलाओं संग होने वाली घटनाओ में इजाफा हुआ है. भारत सरकार के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय ने संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर में अब तक पिछले 3 माह में 83 मामले पंजीकृत हुए हैं, जिसमें से घरेलू हिंसा सबसे अधिक पाए गए हैं. अब तक 51 मामले घरेलू हिंसा के वन स्टॉप सेंटर में दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 38 मामलों का काउंसलिंग के माध्यम से निस्तारण किया गया है। वहीं, दूसरा मामला बाल यौन उत्पीड़न का है, जिसमें अब तक 7 मामले दर्ज किए गए हैं. यौन उत्पीड़न के भी पांच मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि रेप के दो मामले, गुमशुदा का एक मामला, साइबर क्राइम का एक मामला और अन्य मामले जैसे बाल विवाह, छेड़छाड़, धोखाधड़ी, जमीनी विवाद के 16 मामले दर्ज हुए हैं।

सखी वन स्टॉप सेंटर रुद्रपुर की एडमिनिस्ट्रेटर कविता बडोला ने बताया कि पिछले दो सालों से महिलाओं संग होने वाले अपराधों में इजाफा हुआ है, जिसमे नशे के कारण घरेलू हिंसा, बाल यौन उत्पीड़न, यौन अपराध और उत्पीड़न जैसे मामले सामने आए हैं. कई मामलों में सेंटर ने काउंसलिंग के माध्यम से मामलों का निस्तारण कर लिया है. अन्य मामलों को भी जल्द निस्तारित किया जाएगा।