बाढ़ के प्रकोप से जिले को बचाने के लिए यमुना में पत्थर लगाने का काम शुरू

ख़बरें अभी तक। सिंचाई विभाग ने बाढ़ के प्रकोप से जिले को बचाने के लिए यमुना में पत्थर लगाने का काम शुरू कर दिया है। करीब पौने दो करोड़ रुपये की लागत से यह काम 15 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें यमुना के कई कॉम्पलेक्स में स्टड रिपेयरिंग का काम चालू किया जा चुका है। इससे अखगर पहाड़ों से यमुना के रास्ते ज्यादा पानी आता है तो ये पत्थर के स्टड उसका रास्ता घुमाने में सहायक साबित होंगे। इससे भूमि कटाव नहीं होता और बाढ़ आने का खतरा टला रहता है।

इन स्टड को हर साल देखरेख की जरूरत होती है। जिस समय स्टड यमुना के रेत में धंस जाते हैं, इन्हें फिर से रिपेयर कर दिया जाता है। पिछले दो साल से इन्हें दुरुस्त नहीं किया गया था। इस साल ये काम शुरू किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक एक सप्ताह में मानसून आने की संभावना है। ऐसे में बाढ़ के खतरे तो देखते हुए सिंचाई विभाग ने काम शुरू किया है। जिले के गांव राणामाजरा, पत्थरगढ़, तामसाबाद, सनौली, नन्हेड़ा, मिर्जापुर व गोला कलां शामिल है। यह एरिया तकरीबन 27 किलोमीटर लंबी नदी में सिंचाई विभाग की देखरेख है। वही पत्थर लगाने का काम किया जा रहा है और दीवार बनाई जाएगी।

ये बाढ़ आने पर पानी के बहाव को रोक कर उसका रुख वापस नदी की तरफ करेगी। यमुना नदी से करीब 12 गांव सटे हैं। इसके अलावा बाढ़ बचाव के लिए कई जगह यमुना बांध पर कट्टों में मिटटी भराई का कार्य किया जा रहा है, ताकि बाढ़ से कटाव वाली जगह पर उन्हें लगाया जा सके। मानसून आने पर अक्सर पहाड़ों में बरसात होते ही ताजे वाला हेड पर पानी का अधिक दबाव होने के कारण यमुना नदी में पानी छोड़ा जाता है। उसी दौरान यमुना में बाढ़ का खतरा होने लगता है। बाढ़ से निपटने का पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। बाढ़ से बचाव के लिए समय से पूर्व पत्थरों की ठोकरें लगाने का कार्य पूरा हो जाएगा।