ग्रीन कॉरिडोर अधिग्रहीत जमीन मुआवजा वृद्धि का मामला, किसानों का प्रशासन को अल्टीमेटम

ख़बरें अभी तक। ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन के मुआवजा को लेकर धरनारत किसानों ने शुक्रवार को तय निर्णय अनुसार प्रशासन के समक्ष नोटिस का जवाब दिया और अपना ऐतराज जताया। इस दौरान किसान नेता रमेश दलाल की अगुवाई में किसानों की प्रशासनिक अधिकारियों से कई दौर की वार्ता भी हुई। किसानों ने प्रशासन को सोमवार का समय देते हुए। अल्टीमेटम दिया कि अगर कम रेट मिला या अवार्ड घोषित नहीं हुआ तो किसान आधा घंटे में रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर रेल रोक देंगे। क्योंकि उन्होंने रेल रोकने का कार्यक्रम रद्द नहीं किया बल्कि एक्शन मोड पर तैयार बैठे हैं।

दादरी व जींद के किसानों द्वारा पिछले काफी समय से ग्रीन कारिडोर की अधीग्रहीत जमीन के मुआवजा वृद्धि को लेकर धरना दिया जा रहा है। किसानों द्वारा एक दिन पूर्व रेल रोकने के अल्टीमेटम के बाद प्रशासन से वार्ता होने पर कार्यक्रम रोक दिया गया था। शुक्रवार को किसान नेता रमेश दलाल की अगुवाई में धरनारत किसानों ने नोटिस का जवाब देने के लिए जिला राजस्व अधिकारी के समक्ष अपना ऐतराज दर्ज करवाया। इस दौरान किसानों ने स्पष्ट रूप से लिखा कि उनको मार्केट रेट 50 लाख रुपए से कम निर्धारित करके मुआवजा दिया तो वे नहीं लेंगे बल्कि अपना आंदोलन तेज करेंगे। वहीं शुक्रवार को किसानों का धरना जारी रहा और सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन भी किया। इस दौरान विनोद मोड़ी, अनूप खातीवास, राजकुमार व सोनू इत्यादि उपस्थित थे।

सोमवार तक अल्टीमेटम, रेल रोकने को तैयार बैठे हैं किसान

किसानों की प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता के बाद किसान नेता रमेश दलाल ने बताया कि प्रशासन ने किसानों को सुनवाई के लिए बुलाया गया था। इस दौरान किसानों द्वारा नोटिस का जवाब देते हुए एतराज लिखकर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने मार्केट रेट अब तक तय नहीं किया है। ऐसे में सोमवार तक अल्टीमेटम दिया है। अगर किसानों को मार्केट रेट कम दिया या अवार्ड घोषित नहीं किया तो वे तुरंत रेलवे ट्रैक पर जा बैठेंगे। क्योंकि उनके द्वारा रेल रोकने का कार्यक्रम स्थगित नहीं किया, किसी भी समय रेल रोकने को किसान तैयार हैं।

लघु सचिवालय पहुंचते किसान, प्रशासनिक अधिकारी के समक्ष एतराज जताते, वार्ता के बाद बाहर आते किसान व धरने के कट शाटस