बुलेट ट्रेन की व चांद पर उपग्रह की बात जरूर करे हजुर, पर जरा टोहाना की एक्स-रे मशीन भी देख लें

ख़बरें अभी तक। टोहाना: बरसों पुरानी मशीन से किया जा रहा है सैकड़ों मरीजों का एक्स-रे, तकनीक में गुणवत्ता का फायदा नहीं मिल पर रहा टोहाना के चिकित्सकों व मरीजों को, कई बार लिखा गया विभाग को पर नहीं हुआ समस्या का हल।

देश में बात बुलेट ट्रेन की हो रही है, चांद पर उपग्रह भेजा जाना चर्चा में है। पर धरातल पर तकनीक में नए प्रयोग का फायदा क्या सच में जमीन से जुडे आम नागरिक तक पहुंच रहा है। समय-समय पर ऐसा घटनाक्रम हमारे सामने आता है जो हमें यह सब सोचने पर मजबूर कर देता है। ऐसा ही कुछ टोहाना के सरकारी अस्पताल की दशकों पुरानी एक्स-रे मशीन देखकर आप सोचने को मजबूर हो जाएगे। आपको लगेगा कि आप कोई पुरानी श्याम-श्वेत फिल्म को अपनी नजरों के सामने देख रहे है।

बरसों पुरानी मशीन, बरसों पुरानी तकनीक के साथ मरीजों को संतुष्ट करने का असफल प्रयास किया जा रहा है। असफल इसलिए क्योकि नई तकनीक जो एक्स-रे दिखा कर मरीज को फायदा पहुंचा सकती है। चिकित्सक को मदद कर सकती है उसमें यह पुरानी मशीन उतना कारगार सिद्ध नहीं होती ऐसी खामी चिकित्सक खुद भी महसूस करते है कि बस काम चल रहा है जरूरत है कि इस मशीन को बदला जाए।

टोहाना का सरकारी अस्पताल अभी भी दशकों पुरानी एक्स-रे मशीन के साथ मरीजों को मजबूर है। विभाग के अनुसार यह मशीन दशकों पुरानी है जिसके बाद समय अनुसार तकनीक का में ईजाफा हुआ है जिसमें बढिया व छोटी से छोटी खामी को समझाने वाले एक्स-रे मशीन मार्किट में आ चुकी है।

टोहाना के सरकारी अस्पताल में जहां माह भर में 400 से 500 के बीच एक्स-रे करवाने वाले मरीजों की संख्या रिकार्ड की जाती रही है। टोहाना का क्षेत्र पंजाब व जींद जिले के समीवर्ती होने के चलते यहां मरीजों की आवाजाही कुछ ज्यादा ही रहती है। ऐसे में इस पुरानी मशीन पर काम करना जटिलता से भरा तो रहता ही है साथ में इसके एक्स-रे व निजी अस्पताल के किए एक्स-रे में में भी जमीन आसमान का फर्क रहता है।

अस्पताल प्रशासन भी इस समसया को लंबे समय से अपने उच्च अधिकारियों को लिख कर बताता रहा है पर अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। वहीं दूसरी समस्या यह भी है कि इस मशीन के ऑपरेट को सप्ताह में दो दिन जाख्खल भी जाना पड़ता है जिससे यहां के मरीज प्रभावित होते है। यानी मशीन के साथ कर्मी की कमी भी समस्या को बढ़ा देती है।

जब इस बारे में नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर हरविंदर सागू से बात की गई तो उन्होंने बताया मशीन काफी पुरानी हो चुकी है। इस बारे में वे कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं। पर अभी तक कोई हल नहीं हुआ है। इसके साथ उन्होनें इस मशीन से जुड़ी अन्य समस्या भी बताई ।