FATF के निशाने पर पाकिस्तान, अर्थव्यवस्था को लग सकता है 10 अरब डॉलर का झटका

ख़बरें अभी तक। दुनियाभर में चरमपंथ और आतंकवाद की फंडिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) मुताबिक पाकिस्तान आतंकी फंडिंग रोकने के लिए दिए निर्देशों का पालन निर्धारित समय (मई, 2019) तक करने में असफल रहा है।FATF ने पाकिस्तान को सख्ते लहजे में यह निर्देश दिए है कि अगर अक्टूबर, 2019 तक आतंकवाद के खिलाफ संतोषजनक कदम नहीं उठाया जाता तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।एफएटीएफ की यह चेतावनी पाकिस्तान के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। टेरर फंडिंग को लेकर एफएटीएफ की यह चेतावनी पाकिस्तान की जजर्र होती अर्थव्यवस्था के लिए खतरे का संकेत है। एफएटीएफ अगर पाकिस्तान को काली सूची में डाल देता है तो यह उसकी बदहाल आर्थिक स्थिति के लिए करारा झटका होगा। इस कदम से विदेशी कंपनियों के लिए पाकिस्तान में निवेश करना मुश्किल होगा। यही नहीं बीमा कंपनियां पाकिस्तान में कारोबार के लिए ज्यादा प्रीमियम लेने लगेंगी क्योंकि उसे ज्यादा जोखिम वाला बाजार माना जाएगा। इससे पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और चरमरा जाएगी।

पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को लगेगा 10 अरब डॉलर का झटका 
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून, 2018 में निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में रखा था। फिलहाल, अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पाकिस्तान को निगरानी सूची में ही रखने का फैसला किया है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर यह फैसला भी काफी भारी पड़ने वाला है। यही वजह है कि पाक प्रधानमंत्नी इमरान खान से लेकर विदेश मंत्नी शाह महमूद कुरैशी तक एफएटीएफ की काली सूची में आने की संभावना के प्रति देश को आगाह कर चुके हैं। कुरैशी ने यहां तक कहा था कि इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 10 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचेगा।