‘ऑपरेशन बन्दर’ बालाकोट एयरस्ट्राइक को कोडनेम दिया गया था

ख़बरें अभी तक। जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी शिविरों को जब भारतीय वायु सेना के जाबांज पायलटों ने बालाकोट में तबाह किया था, तब पाकिस्तान को इस बात का पता नहीं चला था। इसी मकसद से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को की गयी एयरस्ट्राइक को “ऑपरेशन बन्दर” कोडनेम दिया था। 26 फरवरी को भी वायु सेना के 12 मिराज विमान भी चुपके से पाकिस्तान की सीमा में घुसे और बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के कैंप को तबाह कर दिया। इस कारवाई के लिए भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों का उपयोग किया गया। वायु सेना के जाबांज पायलटों ने इस ऑपरेशन को तड़के 3.30 बजे अंजाम दिया था।

इस कारवाई में भारतीय वायुसेना ने 1000 किलोग्राम विस्फोटक का उपयोग किया। इस हमले में बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने का अनुमान लगाया गया। 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में CRPF के जवानों पर आतंकी हमला किया गया, इस हमले में CRPF के 42 जवान शहीद हुए। इस हमले की ज़िम्मेदारी इस्लामिक चरमपंथी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी। इस दौरान सैनिक बस में यात्रा कर रहे थे। इस पर सवाल उठाये गये थे कि सैनिकों हवाई मार्ग से यात्रा की अनुमति क्यों नहीं दी गयी जब सड़क मार्ग से यात्रा करने में खतरा है।