डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सौंपे गए सुझाव

ख़बरें अभी तक। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित नंदन निलेकणी पैनल ने RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को सुझाव सौंप दिए हैं। गौरतलब है कि जनवरी, 2019 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने नंदन निलेकणी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया था। इस पैनल का गठन देश में डिजिटल भुगतान तथा  डिजिटलीकरण के द्वारा वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।

निलेकणी पैनल ने सभी प्रकार से शुल्कों को समाप्त करने का सुझाव दिया है। इसके अतिरिक्त 24*7 RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) तथा NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर) सुविधा को चालु रखने और पॉइंट ऑफ़ सेल्स (PoS) मशीनों के ड्यूटी-फ्री आयात को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है। निलेकणी पैनल ने सुझाव दिया है कि सरकारी एजेंसियों को भुगतान किये जाने पर ग्राहकों से कंविनियेंस फीस नहीं ली जानी चाहिए।

ग्राहकों की शिकायतों के निपटान के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान प्रणाली का उपयोग किया जाना चाहिए। पैनल ने सुझाव दिया है कि डिजिटल भुगतानों की मॉनिटरिंग के लिए सरकार तथा RBI को एक उचित मैकेनिज्म की स्थापना करनी चाहिए। इस पैनल ने सुझाव दिया है कि ग्राहकों को कुछ एक भुगतान बिना किसी शुल्क (charges) के प्रदान किये जाने चाहिए।

अब तक बैंकों द्वारा 1 अरब से अधिक डेबिट कार्ड तथा 50 मिलियन से अधिक क्रेडिट कार्ड जारी किये जा चुके हैं। परन्तु देश में केवल 3.5 मिलियन PoS डिवाइसेस तथा 2 एटीएम हैं। देश में कार्ड से भुगतान स्वीकृति को बढ़ाये जाने की ज़रुरत है। इस पैनल के अनुसार देश में एटीएम के फीचर्स को बढ़ाया जाना चाहिए ताकि इनका उपयोग डिजिटल सहायता पॉइंट के रूप में किया जा सके।

एटीएम में कैश डिपाजिट, टैक्स डिपाजिट, बिल भुगतान, फण्ड ट्रान्सफर, मोबाइल रिचार्ज तथा ग्राहक सहायता जैसे फीचर उपलब्ध करवाए जाने चाहिए, इससे लोगों को काफी सहूलियत होगी। निलेकणी पैनल ने भारतीय भुगतान प्रणाली RuPay, BHIM (भारत इंटरफ़ेस फॉर मनी) तथा UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस एप्लीकेशन्स) के अंतर्राष्ट्रीयकरण का सुझाव दिया है, इससे विदेशों से भारत में फण्ड ट्रान्सफर काफी सरल हो जायेगा, इससे भारतीय यात्रियों को विदेशों में भुगतान करने में आसानी होगी।