प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में कौन से देश हुए शरीक?

ख़बरें अभी तक। नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में 30 मई को शपथ ले ली है, उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ दिलाई है। इस शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में किया गया। इस समारोह में 8000 से अधिक गणमान्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। इस समारोह में बिम्सटेक देश (बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान) के राष्ट्राध्यक्षों के साथ-साथ किर्गिजस्तान और मॉरिशस के राष्ट्राध्यक्ष भी शरीक हुए। यह शपथ ग्रहण कार्यक्रम सात बजे आयोजित किया गया था।

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ है। भारतीय जनता पार्टी को 303 सीटों पर विजय प्राप्त हुई। गौरतलब है कि पिछले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को 282 सीटें प्राप्त हुई थीं, इस बार बीजेपी 2014 के आंकड़े से काफी आगे चली गयी है। भारतीय जनता पार्टी की इस जीत के सूत्रधार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रहे।

देश की जनता ने श्री मोदी ने नेतृत्व पर विश्वास करते हुए भाजपा को दूसरा अवसर प्रदान किया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी अपने प्रदर्शन में थोड़ा सुधार किया है। 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। इस बार कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा, कांग्रेस ने देश भर में 52 सीटों पर विजय हासिल की हैं।

नरेंद्र मोदी का जन्म कब हुआ ?

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर, 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। नरेंद्र मोदी जी अपने माता-पिता की तीसरी संतान हैं। नरेंद्र मोदी युवावस्था में अपनी परिवार की सहायता के लिए चाय का स्टाल लगाते थे। वे आरंभिक जीवन में आरएसएस नामक संगठन से जुड़ गये थे। 1968 में नरेंद्र मोदी का विवाह जशोदाबेन से हुआ था। तत्पश्चात नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न स्थानों की धार्मिक यात्रा की। इसके बाद वे गुजरात वापस आये। 1971 में मोदी आरएसएस के पूर्णकालिक सदस्य बने। 1975 में आपातकाल के दौरान उन्होंने काफी सक्रिय होकर कार्य किया। 1985 में आरएसएस ने नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी के साथ कार्य करने के लिए तैनात किया।

नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर, 2001 से 22 मई से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। 2001 में भुज में आये भूकंप के कारण जान-माल की काफी हानि हुई। इस दौरान मोदी ने उत्कृष्ठ कार्य किया। वर्ष 2002 में गुजरात में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे हुए थे,  इसके पश्चात् नरेंद्र मोदी पर काफी प्रश्न चिन्ह खड़े हो गये थे। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल ने इस मामले की जांच की, इस जांच में SIT को नरेंद्र मोदी के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं मिला और उन्हें क्लीन चिट दे दी गयी। वहीं नरेंद्र मोदी ने गुजरात को आर्थिक हब बनाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।