हमीरपुर की ग्राम पंचायत पांडवीं में ग्रामीणों ने आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के डॉक्टर के खिलाफ खोला मोर्चा

ख़बरें अभी तक। ग्राम पंचायत पांडवीं की सरकारी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में तैनात डाक्टर के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया। महिला डॉक्टर की कार्यशैली से तंग आगर ग्रामीणों ने डिस्पेंसरी का घेराव कर दिया। यही नहीं डिस्पेंसरी में तैनात सफाई कर्मचारी ने भी चिकित्सक की पोल खोली है। उसका कहना है कि डॉक्टर उसे क्वार्टर में काम करने के लिए कहते हैं। जब उसने क्वार्टर पर काम करने से मना किया तो उसे हर रोज प्रताड़ित किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस महिला चिकित्सक को यहां से बदला जाए। अगर इसे यहां से नहीं हटाया गया तो लोकसभा चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा।

बता दें कि भोटा से लगभग पांच किलोमीटर दूरी पर पांडवीं पंचायत में सरकारी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी है। स्थानीय ग्रामीण यहां से ही उपचार लेना सुविधाजनक समझते हैं, लेकिन यहां तैनात महिला डॉक्टर का व्यवहार किसी को भी रास नहीं आ रहा। ग्रामीणों ने डॉक्टर पर कई संगीन आरोप लगाए हैं। बीते सोमवार को डॉक्टर ने सफाई कर्मचारी के साथ बहसबाजी की। इसके बाद सफाई कर्मचारी सीमा देवी बेहोश होकर गिर पड़ी। सीमा देवी को उपचार के लिए भोटा पीएचसी अस्पताल लाया गया। यहां से उसे मेडिकल कालेज हमीरपुर रैफर किया गया है।

कंचन शर्मा का कहना है कि जब उसकी बेटी को जुकाम हुआ, तो बह डाक्टर के पास उपचार के लिए गई। डाक्टर ने कहा कि बेटी से घिन्न आ रही है। वहीं तुलसी देवी ने कहा की उसे 103 बुखार था, तो डाक्टर ने दवाई नहीं दी। बाद में हमीरपुर में जाकर दवाई लेनी पड़ी। ग्रामीण प्रकाश चंद का कहना है कि जब वह दवाई लेने गया तो कहा कि नहाकर आओ आपसे बदबू आ रही है।

डॉक्टर का कहना है कि उसने घर पर मेड रखी है। मैंने कभी सफाई कर्मचारी से घर का काम नहीं करवाया और न ही मरीजों से दुर्व्यवहार किया है। सीमा के सारे टेस्ट नार्मले थे व बीपी भी ठीक था। मैं हर रोज समय से आती हूं।