क्या गठबंधन में शीर्ष नेतृत्व पर बनेंगी सहमति ?

ख़बरे अभी तक । लोकसभा चुनाव अपने अंतिम पड़ाव की ओर अग्रसर है और गठबंधन में शीर्ष नेतृत्व को लेकर टकराव लगातार बरकरार है। टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नतीजों से पहले विपक्षी दलों की बैठक को ना कह दिया है, वहीं बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने फिलहाल इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। इससे काफी हद तक विपक्ष की विफलता के आसार बनते नजर आ रहे है । आंध प्रदेश के सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू बैठक के लिए विपक्षी दलों से संपर्क साधने में जुटे हैं। इस क्रम में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, ममता सहित कई क्षेत्रीय दलों के नेताओं से संपर्क साधा है। सूत्रों के मुताबिक ममता चुनाव नतीजे आने से पहले आगामी रणनीति को लेकर किसी बैठक के मूड़ में नहीं है।

हालांकि एनसीपी, आरजेडी, डीएमके, जेडीएस सहित दर्जन भर क्षेत्रीय दल इसके लिए राजी हैं। ममता के आलावा माया और अखिलेश भी इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं। तो ऐसी स्थिति में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के सामने आनी वाली अड़चने साफ नजर आ रही है। विपक्ष में सहमति न बनने की स्थिति में एनडीए का नेतृत्व करने वाली भाजपा दूसरे दलों के नेताओं को साथ लाने की पहल करेगी। विपक्षी दल चाहते हैं कि नतीजे आने से पहले ही एनडीए को सत्ता में दोबारा आने से रोकने की रणनीति बना ली जाए, ताकि विपक्षी एकता में सेंध न लग पाए हालांकि विपक्ष के सभी दिग्गज (माया ,ममता और अखिलेश) नेता गैर कांग्रेस-गैर भाजपा सरकार बनने के पक्ष में हैं जिसकी वजह से विपक्ष में बैठक पर सहमति नही बन पा रही है । ये नेता चाहते हैं कि पहले नतीजा आ जाए, उसके बाद कोई रणनीति तैयार हो। दरअसल किसी को बहुमत न मिलने की स्थिति में ममता, माया, अखिलेश, के चंद्रशेखर राव, जगनमोहन रेड्डी, नवीन पटनायक जैसे नेताओं का रुख महत्वपूर्ण हो जाएगा। , लेकिन गठबंधन का भविष्य लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के प्रदर्शन पे टिका हुआ है।