पूर्वांचल की बची सभी सीटों पर क्या भाजपा दोहरा पाएगी 2014 वाला कारनामा,

ख़बरे अभी तक। चार चरणों के चुनाव समाप्त हो जाने के बाद देश की लगभग आधी से ज्यादा लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों व पार्टियों के भाग्य का फैसला EVM में कैद हो चुका है. साथ ही यूपी के 39 सीटों पर भी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला जनता कर चुकी है. लोकसभा -2014 में यूपी से भाजपा ने 80 सीटों में से 73 सीटों पर जीत हासिल कर एक इतिहास कायम किया था वहीं, एसपी ने 5 और कांग्रेस ने 2 सीटों पर कब्जा जमाया था। और साथ ही पूर्व यूपी यानि पूर्वांचल के लगभग 40-41 सीटों में से 3 सीटों (रायबरेली,अमेठी,आजमगढ़) को छोड़ दे तो सारी सीटें भाजपा के ही खाते में गई थी.

लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश के सियासी दंगल में मुख्य मुकाबला महागठबंधन SP-BSP और बीजेपी के बीच ही है। हालांकि, कांग्रेस ने भी इस रण में पूरा जोर लगाया है पर इस बार SP-BSP का गठबंधन और बीजेपी का ही यूपी में माहौल है. लेकिन क्या देश और यूपी के बदलते माहौल में भी  भाजपा 2014 वाला अपना कारनामा 2019 में  दोहरा पाऐगी. यह तो आने वाले तीन चरणों के माहौल को देखकर कुछ हद तक अंदाजा ही लगाया जा सकता है.अभी तक हुए चुनावों में यूपी के माहौल को देखे तो भाजपा और SP-BSP गठबंधन दोनों के बीच कांटे की टक्कर चल रही है.

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हालांकि इसी बीच उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की कई सीटें ऐसी हैं, जिस पर पुरे देश की नजरें बनी हुई हैं. इनमें से पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव, पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की सीटें हैं. गोरखपुर सीट पर यूपी के सीएम आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी. साथ ही नेताओं की बदजुबानी भी देखने को मिल रही है. यह बदजुबानी किस पार्टी को नुकसान व फायदा देती है यह समय ही बताएगा.
पर सवाल अभी भी वही है क्या 2014 वाला  कारनामा भाजपा 2019 में दोहरा पाऐगी. यह तो 23 मई को जनता का फैसला ही बताएगा.