क्या लालू ये जीवन जेल में ही गुजारेगे?

खबरें अभी तक।बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का संकट जेल जाने के बाद भी खत्म नहीं हो रहा है.चारा घोटाला के देवघर कोषाघार से जुड़े केस के बाद अब लालू को चाईबासा से जुड़े एक दूसरे केस में दोषी पाया गया.लालू के अलावा कुल 12 लोगों को इसमें दोषी पाया गया है.हालांकि, अभी इस केस में सजा का ऐलान नहीं हुआ है.लेकिन अब सवाल उठने लगे है कि क्या लालू राजनीतिक सक्रियता के अपने वक्त में जेल से बाहर कभी आ सकेगे.

बात यह है कि लालू के खिलाफ 6 अलग अलग केस दर्ज किए गए है. इनके खिलाफ पहला केस 1996 को सामने आया.जिसके बाद मामला पटना हाई कोर्ट तक पहुंचा.जिसने सीबीआई को घोटाले की जांच के आदेश दिए.
पहले केस में पांच साल की सजा.
चाईबासा कोषाघार से जुड़े पहले केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने 30 सितम्वर 2013 को लालू यादव को दोषी माना उन्हे पांच साल जेल की सजा सुनाई गई.ये केस 37 करोड़ रूपये के घोटाले का है.जेल के साथ उन पर 25 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था.लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद रहे और दिसम्बर 2013 में उन्हे जमानत मिल गई और वो जेल से बाहर आ गए.
दूसरे केस में साढ़े 3 साल की सजा

चारा घोटाला से जुड़े देवघर कोषाघार केस में लालू यादव को 23 दिसंबर रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी माना, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. इसके बाद 6 जनवरी 2018 को कोर्ट ने उन्हें साढ़े तीन की सजा सुनाई और 5 लाख का जुर्माना लगाया.

यानी चारा घोटाला से जुड़े दो केस में लालू को अब तक साढ़े 8 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. इसमें से करीब 1 साल दो महीने लालू जेल में गुजार चुके हैं. यानी दो केस में ही लालू को रांची विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के तहत अभी करीब 7 साल और जेल में रहना पड़ेगा. इस बीच आज ही तीसरे केस में कुछ वक्त बाद सजा का ऐलान होना है.

अगर, लालू को उच्च अदालत से राहत नहीं मिलती है, तो लालू प्रसाद यादव 2019 तो दूर 2024 का लोकसभा चुनाव में भी शायद ही जनता के बीच जा सकें. देश को आजादी मिलने के अगले पैदा हुए लालू यादव उम्र के उस पड़ाव में जो राजनीतिक सक्रियता के लिहाज से रिटायरमेंट की तरफ बढ़ रहा है. इससे बड़ा संकट ये है कि कुल 900 करोड़ के चारा घोटाले में लालू के खिलाफ अभी तीन और मामले लंबित हैं. दूसरी तरफ तीन केस में सजा पा चुके लालू के लिए बेल पाना भी कानूनी तौर पर बड़ी मुश्किल चुनौती माना जा रहा है. ऐसे में 69 साल के हो चुके लालू अब 2019 के लोकसभा चुनाव, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव और उसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में लालू की सक्रियता देखने को मिले, इसे लेकर आशंकाएं हैं.