लगभग 24 साल बाद एक साथ दिखे मुलायम व मायावती

खबरें अभी तक। उत्तर प्रदेश में इस बार सपा-बसपा ने हाथ मिला लिया है. लगभग 24 साल बाद यह संभव हो पाया है कि उत्तर प्रदेश में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती एक साथ एक मंच पर नजर आ रहे हैं. इस बार उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ रहे हैं. इसी के चलते आज यानी शुक्रवार को मायावती भी उनके लिए वोट मांगने पहुंची हैं.

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मायावती ने मुलायम सिंह यादव के लिए वोट मांगा और भीड़ को देखकर कहा कि मुझे यकीन है कि मुलायम सिंह यादव को आप लोग भारी मतों से जीत दिलाकर लोकसभा भेजेंगे. इसी बीच मायावती ने कहा की मीडिया बंधु ये जानना चाह रहे होंगे कि गेस्ट हाउस कांड के बाद भी सपा और बसपा गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं. मैं उनसे कहना चाहती हूं कि इस गठबंधन के एलान के समय मैं इसका जवाब दे चुकी हूं. फिर से वही दोहराकर मैं समय बर्बाद नहीं करना चाहती.

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मायावती ने  देश हित का हवाला देते हुए कहा कि देश हित में कठिन फैसले लेने पड़ते हैं. आगे बोलते हुए मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह यादव पिछड़ों के वास्तविक नेता हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की तरह नकली नेता नहीं हैं. वह असली, जन्म से ही पिछड़े वर्गे के नेता हैं. जबकि मोदी के बारे में कहा जाता है कि सत्ता का दुरुपयोग कर अपनी जाति को पिछड़े वर्ग में शामिल कराया. अपने को पिछड़े वर्ग का बता कर सत्ता का लाभ उठाया. मुलायम सिंह को चुनकर जरूर भेजें जिनकी विरासत के एकमात्र उत्तराधिकारी अखिलेश यादव पूरी ईमानदारी और निष्ठा से अपना कर्तव्य निभा रहे हैं.